नेता आए, बयान दिया, जांच करेंगे और मुआवजा देंगे !! सरकारी इमारतें, सरकारी सोच। टूट गई छतें, मिल गई मौतें। कागजों में स्कूल है चमक रहे हैं। गरीबों के बच्चे मर रहे हैं। टीचर रोए, मां ने चितकारा …..
नेता आए, बयान दिया, जांच करेंगे और मुआवजा देंगे !!
उठाकर बस्ते लेकर सपने। वो आज मिट्टी में मिल गए अपने ना थी मरम्मत, ना था ध्यान फिर कहां गया आपका ज्ञान। झूठे थे वादे, झूठे थे दावे।
फिर नेता आए बयान दिया जांच करेंगे और मुआवजा देंगे।
जो खेल नहीं कभी मैदान में वो आज सो रहे हैं शमशान में। मजबूर है लेकिन दिख रहा है साफ यह हादसा नहीं हत्या है कैसे करेंगे तुमको माफ। नेता आए बयान दिया जांच करेंगे और मुआवजा देंगे !!
वह छत बरसों से टूटी थी, किसी रिपोर्ट में मजबूत बताई गई थी। वो दीवार जो थक गई थी झुककर। जो सरकारी स्कूलों में ठोस बताई गई थी सुबह निकला था बस्ता लेकर, नन्हा-सा चेहरा सपने लेकर। और फिर नेता ने ट्वीट किया जांच करेंगे और मुआवजा देंगे।
जे सी बी की मदद से मलबा हटाने का कार्य जारी,
घायल बच्चों को मनोहर थाना सी एच सी लाया जा रहा है छह बच्चे भगवान को प्यारे हो गए , मृतकों की संख्या अधिक हो सकती हैं।
सतवीर विश्नोई की घटना स्थल से खास रिपोर्ट
झालावाड़ । राजस्थान । आज प्रातः बस्ते उठा कर अपना और अपने परिवार के सपनों के साथ स्कूल जाने वाले बच्चों की राजस्थान प्रान्त के झालावाड़ जिले में एक स्कूल की भ्रष्टाचार से बनी छत के गिर जाने से कम से कम छः बच्चों की मौत हो गई जबकि दर्जनों बच्चों के मलवे में दबे होने की आशंका है , सूत्रों का मानना है कि स्कूली बच्चों की मौत की संख्या और भी बढ़ सकती हैं।


घटना के संदर्भ में विंध्यलीडर के स्थानीय सूत्र का कहना है कि आज अल सुबह जब स्कूल खुला बच्चों की आमद शुरू हुई उसी वक्त अचानक एक कक्ष की वर्षों से दरकी हुई छत भर भरा कर गिर गई जिसमें दब कर कम से कम छः स्कूली बच्चों की अब तक मौत हो चुकी हैं और कई दर्जन की तादात में उसी मलवे में दबे होने की संभावना है। घायलों को स्थानीय अस्पताल में ले जाया जा रहा है। जिले के प्रशासनिक अधिकारी और शिक्षा विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों ने घटना स्थल का दौरा कर घटना की जांच और दोषियों को दंडित करने का फरमान सुना दिया है। लेकिन प्रश्न है कि जिन घरों के चिराग भ्रष्टाचार के कारण मौत के आगोश में चले गए उनका क्या होगा , क्या किसी मुआवजे से इन मौतों की भरपाई की जा सकती है।
उठाकर बस्ते लेकर सपने। वो आज मिट्टी में मिल गए अपने ना थी मरम्मत, ना था ध्यान फिर कहां गया आपका ज्ञान। झूठे थे वादे, झूठे थे दावे। फिर नेता आए बयान दिया जांच करेंगे और मुआवजा देंगे। बताया जाता है कि वह छत बरसों से टूटी थी, किसी रिपोर्ट में मजबूत बताई गई थी। वो दीवार जो थक गई थी झुककर। जो सरकारी स्कूलों में ठोस बताई गई थी सुबह निकला था बस्ता लेकर, नन्हा-सा चेहरा सपने लेकर। और फिर नेता ने ट्वीट किया जांच करेंगे और मुआवजा देंगे।