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Thursday, October 16, 2025

वृद्ध आदिवासी जिलाधिकारी कार्यालय पर करेगा आत्मदाह

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हमारी न तो उम्र हैं और न ही हैसियत कि हम इतनी पैरवी कर सके अब एक ही रास्ता बचा है कि  हम डी एम ऑफिस जाकर अपनी जान दे दें । रामधनी पनिका बताया कि इस जमीन का मामला सिविल न्यायालय में भी विचाराधीन है ।  वही इस संबंध में जब क्षेत्रीय दरोगा से बात की गई तो उन्होंने कहा कि रामधनी लिख कर दें या जमीन उनके नाम है जब विंध्यलीडर ने उनसे सवाल किया गया की क्या आपने कब्जा करने वाले से लिखवा कर लिया की है जमीन उनकी है तो दरोगा का कहना था कि उनका कहना है की जमीन हमारी है इस सवाल पर दरोगा की भूमिका भी काफी संबंधित प्रतीत हो रही है जो पीड़ित है उसे उसके जमीन का प्रमाण पत्र मांगा जा रहा है और जो कब्जा कर रहा है उसकी मौखिक बात पर दरोगा विश्वास कर रहा है कि यह जमीन उसकी है । क्या रामधनी पनिका को इंसाफ मिल पाएगा  ?


सोनभद्र । चोपन थाना क्षेत्र के सलखन गांव निवासी एक वृद्ध आदिवासी पुलिस के दबंगई व चकबंदी विभाग के गठजोड़ से आजिज आकर जिलाधिकारी कार्यालय पर आत्मदाह करने का ऐलान किया है । उसका कहना है कुछ लोग उसकी जमीन लूट रहे हैं जिनके विरुद्ध शिकायत के बावजूद पुलिस और चकबंदी विभाग के अधिकारी कोई न्यायोचित कार्यवाही नहीं कर रहे हैं, जिसके गम में उसकी पत्नी का स्वर्गवास हो गया जबकि मामले से संबंधित दरोगा का कहना है कि हम छह माह से निर्माण नहीं होने दे रहे ।

चोपन थाना क्षेत्र के सलखन गांव निवासी रामधनी पनिका अनुसूचित जनजाति का वृद्ध व्यक्ति है ।  पनिका का कहना है कि गाजीपुर जनपद निवासी मूलचंद जायसवाल ने अपनी जमीन अरविंद व कलंदर पुत्रगण कैलाश को बेच दी है लेकिन यह दोनों दबंग मूलचंद की जमीन को छोड़कर पिछले सात – आठ महीने से हमारे दो विश्वा जमीन पर कब्जा कर रहे हैं धीरे-धीरे पिलर बना लिया है कई बार चोपन पुलिस के पास, चकबंदी विभाग के पास दौड़ते – दौड़ते थक गया हूं ।

पुलिस के पास जाता हूं तो पुलिस दूसरा जवाब देती है चकबंदी विभाग जाने पर चकबंदी विभाग के लोग गुमराह करते हैं जबकि वह जमीन सन 90 से हमारे नाम है इस आदिवासी वृद्ध का कहना है कि सलखन गांव चकबंदी में है अभी चकबंदी हो रही है लेकिन जबरिया हमारी कीमती जमीन पर दोनों दबंग जायसवाल कब्जा कर रहे हैं इस जमीन के गम में एक महीने पहले हमारी बुढ़िया की मौत भी हो चुकी है और मैं अकेला हूं निःसंतान होने से हमारी जमीन को लूटा जा रहा है इस लूट में चकबंदी विभाग और पुलिस का भी सहयोग दबंग को मिल रहा है ।

हमारी न तो उम्र हैं और न ही हैसियत कि हम इतनी पैरवी कर सके अब एक ही रास्ता बचा है कि  हम डी एम ऑफिस जाकर अपनी जान दे दें । रामधनी पनिका बताया कि इस जमीन का मामला सिविल न्यायालय में भी विचाराधीन है ।  वही इस संबंध में जब क्षेत्रीय दरोगा से बात की गई तो उन्होंने कहा कि रामधनी लिख कर दें या जमीन उनके नाम है जब विंध्यलीडर ने उनसे सवाल किया गया की क्या आपने कब्जा करने वाले से लिखवा कर लिया की है जमीन उनकी है तो दरोगा का कहना था कि उनका कहना है की जमीन हमारी है इस सवाल पर दरोगा की भूमिका भी काफी संबंधित प्रतीत हो रही है जो पीड़ित है उसे उसके जमीन का प्रमाण पत्र मांगा जा रहा है और जो कब्जा कर रहा है उसकी मौखिक बात पर दरोगा विश्वास कर रहा है कि यह जमीन उसकी है । क्या रामधनी पनिका को इंसाफ मिल पाएगा  ? फिलहाल इसका समुचित उत्तर किसी के पास नहीं है

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