—दृश्य देखकर मंत्रमुग्ध हो जा रहे हैं पर्यटक, लेकिन पर्यटन स्थल तक पहुंचने के लिए सुविधाजनक यातायात तथा अन्य सुविधाओं की स्थिति खराब ,व्यवस्था के सुधार पर रुचि नही ले रहे अफसर
Myorpur डोरिया नाला (झरना) बने पर्यटक स्थल तो रोजगार के मिलेंगे अवसर
पर्यटक स्थल के रूप में करें विकसित तो युवा नहीं होंगे उपेक्षित
रूस समेत अन्य देशों से भी कई पर्यटक डोरिया नाला नाला (झरना) पहुंच चुके हैं

सोनभद्र। जिले में कई स्थल ऐसे हैं जिन्हें पर्यटक स्थल के रूप में विकसित करने पर हजारों लोगों को रोजगार मिलेगा। यहां जिले के अलावा बाहर से भी सैलानी पहुंचेंगे। उक्त स्थलों में म्योरपुर विकास खंड के ग्राम पंचायत बेलहथी का डोरिया नाला (झरना) भी शामिल है। जबकि यहां का दृश्य आप भी देखकर मंत्रमुग्ध हो जाएंगे। जंगलों के बीच और पेयजल तक सुविधा न होने के बावजूद काफी संख्या में लोग नाला (झरना) और आसपास का दृश्य देखने के लिए पहुंचते हैं । स्थानीय लोगों ने जिलाधिकारी बद्रीनाथ सिंह और वन विभाग से जुड़े अफसरों का ध्यान आकृष्ट कराते हुए उक्त स्थल को पर्यटक स्थल के रूप में विकसित करने की मांग उठाई है।

बता दें कि जिलाधिकारी ने संबंधित अधिकारियों को अबाड़ी, सखलन फासिल्स पार्क, शिवद्वार मंदिर, कैलाश कुंज, विजयगढ़ किला, अगोरी किला पर पर्यटन सुविधाओं का विकास करने के निर्देश दिए है, जिससे स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर मिलें और पर्यटन की दृष्टि से इन स्थलों का विकास हो सके। लेकिन शासन और जिला प्रशासन के निर्देश के बावजूद संबंधित विभागों के कई अधिकारी जिन स्थलों को पर्यटक स्थल के रूप में विकसित कर लोगों को रोजगार मुहैया कराने के अवसर प्रदान किए जा सकते है उनके प्रस्ताव तक तैयार कर आगे नहीं भेज रहे हैं। इसमें से एक म्योरपुर विकास खंड का टेडीहवा टोला में स्थित डोरिया
नाला (झरना) भी है।

वरिष्ठ अधिवक्ता विकास शाक्य कहते हैं कि वन विभाग की ओर से अगर डोरियानाला (झरना) के आसपास शौचालय, पेयजल, रोशनी, बैठने आदि का इंतजाम कर दिया जाय तो प्रतिदिन काफी संख्या में पर्यटक पहुंचेंगे। इतना ही नहीं पिछले कुछ माह पूर्व रूस, थाईलैंड समेत अन्य देश से भी सैलानी टेडीहवा टोला के डोरिया नाला पर पहुंचे थे। विदेशी सैलानियों ने अपने भ्रमण के दौरान नाले की तस्वीर को कैमरे में कैद किया। यहां के महत्ता की जानकारी साथ चल रहे गाइड से ली थी। वहीं ग्रामीण रजवंती, रामनाथ, तेजू का कहना है कि नाला (झरना) के आसपास का दृश्य देखकर लोग मंत्रमुग्ध हो जाते हैं। लेकिन सही सड़क न होने और अन्य सुविधाओं का अभाव होने के कारण लोग दोबारा पहुंचने में कतराते हैं। उन्होंने पर्यटक स्थल के रूप में विकसित करने की मांग की है।
सोनभद्र में पर्यटन विकास पर जोर, जिलाधिकारी ने दिए हैं मह्त्वपूर्ण निर्देश
पूर्व में डीएम बी.एन. सिंह की अध्यक्षता में जिला पर्यटन एवं संस्कृति परिषद की महत्वपूर्ण बैठक हुई थी। इसमें जिले में पर्यटन को बढ़ावा देने और स्थानीय संस्कृति को संरक्षित करने पर विस्तार से चर्चा की गई थी। डीएम ने जनपद सोनभद्र के पर्यटक स्थलों के प्रचार-प्रसार के लिए पम्पलेट तैयार करने का निर्देश। दिए है। उन्होंने कहा कि जिले के इच्छुक युवाओं को पुलिस सत्यापन के बाद लोकल गाइड का प्रशिक्षण दिलाया जाए ।इससे जनपद में आने वाले पर्यटकों को गाइड के माध्यम से पर्यटन स्थलों की सटीक जानकारी मिल सकेगी और स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे।

टूरिज्म की वेबसाइट पर अपलोड कराने के निर्देश
जिलाधिकारी बद्रीनाथ सिंह ने पर्यटन विकास की पीपीटी (प्रेजेंटेशन) में पूर्ण हो चुकी परियोजनाओं जैसे कैलाशकुंज, भुतेश्वर दरबार, गोठानी शिव मंदिर, और डमडम गुफा के कार्यों को संबंधित विभागों को जल्द से जल्द हस्तांतरित करने की कार्यवाही सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है। इसके साथ ही उन्होंने होटल और पेईंग गेस्ट हाउस के पंजीकरण की सूची और उनकी दरें टूरिज्म की वेबसाइट पर अपलोड कराने के लिए कहा है, ताकि पर्यटकों को आवास से संबंधित जानकारी आसानी से मिल सके। श्री सिंह ने विजयगढ़ किला और अगोरी किला जैसे ऐतिहासिक स्थलों के बारे में विस्तृत जानकारी संकलित करने के लिए एएसआई (भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण) या राज्य एवं पुरातत्व विभाग से संपर्क करने को कहा है। उन्होंने लोक संस्कृति और लोक कलाओं को संरक्षित और संवर्धित करने के लिए शासन स्तर पर सुख-सुविधाओं को बेहतर करने हेतु पत्राचार करने की बात भी कही है।

सोनभद्र का सलखन फॉसिल पार्क होगा पर्यटन का नया केंद्र
तत्कालीन विंध्याचल मंडल के आयुक्त बाल कृष्ण त्रिपाठी ने सोनभद्र स्थित सलखन फॉसिल पार्क का औचक निरीक्षण किया था। इस दौरान उन्होंने पार्क को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की योजना पर चर्चा की थी। डीएम बद्रीनाथ सिंह ने बताया था कि पार्क के सौंदर्यीकरण के लिए पर्यटन विभाग ने 2 करोड़ रुपये की मांग की है। इस राशि से पर्यटकों के लिए दो ग्लोवर बनाए जाएंगे। साथ ही नेचर ट्रेल, प्रकृति चित्रण केंद्र और मुख्य द्वार का निर्माण किया जाएगा। सुरक्षा व्यवस्था को भी मजबूत किया जाएगा।
पार्क के प्रचार-प्रसार के लिए छोटे-छोटे वीडियो क्लिप बनाए जाएंगे। इन्हें प्रकृति चित्रण केंद्र में दिखाया जाएगा। इससे लोगों को फॉसिल पार्क के इतिहास की जानकारी मिलेगी और वे इसे देखने जरूर आएंगे।



