24.3 C
Varanasi
Friday, October 17, 2025

श्रमिकों के कल्याण हेतु सरकार द्वारा संचालित योजनाओं से श्रमिकों को किया जाये लाभान्वित-जिलाधिकारी

spot_img
जरुर पढ़े

पुरूष श्रमिक की पत्नी के प्रसव की स्थिति में 6000 एकमुश्त । शिशु लड़का होने पर 20 हजार तथा लडकी होने पर  25 हजार का अनुदान। परिवार में पहली बालिका के जन्म होने पर 25 हजार तथा पहली दिव्यांग बालिका के जन्म होने पर रू 50 हजार की 18 वर्ष की उम्र तक के लिए एफ०डी०। पहली संतान बालिका के बाद दूसरी संतान भी यदि बालिका हो तो भी एफ०डी० का हितलाभ मिलेगा। हाईस्कूल एवं इण्टरमीडिएट की परीक्षा 70 प्रतिशत अंको के साथ उत्तीर्ण करने तथा अगली कक्षा में प्रवेश लेने की स्थिति में प्रोत्साहन के रूप में बालकों को 5 हजार एवं बालिकाओं को 8 हजार अतिरिक्त धनराशि एकमुश्त देय होगी।

सोनभद्र । जिलाधिकारी बी.एन.सिंह की अध्यक्षता में आज कलेक्ट्रेट सभागार में उत्तर प्रदेश भवन एवं अन्य सर्न्मिाण कर्मकार कल्याण बोर्ड की बैठक की गयी, बैठक में जिलाधिकारी ने उप श्रमायुक्त पिपरी को निर्देशित करते हुए कहा कि ऐसे सभी निर्माण श्रमिक जो 18 से 60 वर्ष की आयु के हैं और जिन्होंने पंजीकरण के समय पिछले 12 माह में 90 दिनों तक निर्माण श्रमिक के रूप में कार्य किया हो। ऐसे श्रमिकों का पंजीयन प्राथमिकता के आधार पर कराया जाये, श्रमिकों के पंजीयन हेतु कैम्प का आयोजन भी किया जाये और इसका प्रचार-प्रसार व्यापक स्तर पर किया जाये, इस दौरान उन्होंने कहा कि निर्माण श्रमिक जनसेवा केन्द्र/सहज जन सेवा केन्द्र पर अपना फोटो, आधार कार्ड और बैंक पासबुक की छायाप्रति के साथ निर्माण श्रमिक के रूप में गत 12 महीनों में 90 दिनों तक का कार्य करने का स्वघोषणा पत्र सहित अपना पंजीयन करा सकते हैं ।

निर्माण श्रमिक पंजीयन की अवधि समाप्त होने पर अपना नवीनीकरण भी जन सेवा केन्द्र/सहज जन सेवा केन्द्र के माध्यम से करा सकता है। पंजीकृत निर्माण श्रमिक विभिन्न योजनाओं में अपना आवेदन भी सहज जन सेवा केन्द्र/जन सेवा केन्द्र के माध्यम से करा सकते हैं। तत्काल पंजीकरण हेतु अपने निकटतम जन सेवा केन्द्र/सहज जन सेवा केन्द्र से सम्पर्क करें, योजनाओं में लाभ के लिये किसी भी व्यक्ति/दलाल को कोई पैसा नहीं दें।

पंजीकृत निर्माण श्रमिकों के कल्याणार्थ संचालित योजनाएँ हैं, जिसमें मातृत्व शिशु एवं बालिक मदद योजना, संत रविदास शिक्षा प्रोत्साहन योजना, देय हितलाभ है। महिला श्रमिक को संस्थागत प्रसव होने पर तीन माह का न्यूनतम वेतन एवं 1000 रूपये चिकित्सा बोनस गर्भपात होने पर 6 सप्ताह का वैत्तन (दो बच्चों के बाद अनुमन्य नहीं), नसबन्दी कराने पर दो सप्ताह का वेतन प्रसव या गर्भपात के साथ ही नसबन्दी कराने पर नसबन्दी का हितलाभ अलग से देय नहीं।

पुरूष श्रमिक की पत्नी के प्रसव की स्थिति में 6000 एकमुश्त । शिशु लड़का होने पर 20 हजार तथा लडकी होने पर  25 हजार का अनुदान। परिवार में पहली बालिका के जन्म होने पर 25 हजार तथा पहली दिव्यांग बालिका के जन्म होने पर रू 50 हजार की 18 वर्ष की उम्र तक के लिए एफ०डी०। पहली संतान बालिका के बाद दूसरी संतान भी यदि बालिका हो तो भी एफ०डी० का हितलाभ मिलेगा। हाईस्कूल एवं इण्टरमीडिएट की परीक्षा 70 प्रतिशत अंको के साथ उत्तीर्ण करने तथा अगली कक्षा में प्रवेश लेने की स्थिति में प्रोत्साहन के रूप में बालकों को 5 हजार एवं बालिकाओं को 8 हजार अतिरिक्त धनराशि एकमुश्त देय होगी।

स्नातक एवं स्नातकोत्तर की परीक्षा 60 प्रतिशत अंको के साथ उत्तीर्ण करने तथा अगली कक्षा में प्रवेश लेने की स्थिति में प्रोत्साहन के रूप में बालकों को दी जायेगी। देय हितलाभ योजना के तहत 12 हजार अतिरिक्त धनराशि एकमुश्त देय होगी। स्नातकोत्तर डिग्री की परीक्षा उत्तीर्ण करने पर अगली कक्षा में प्रवेश लेने की शर्त लागू नहीं होगी। पंजीकृत श्रमिक द्वारा राज्य अथवा केन्द्र सरकार के अधीन संचालित समान प्रकार की योजना में हितलाभ प्राप्त होने की स्थिति में उक्त योजना का हितलाभ देय नही होगा।

विकास तकनीकी उन्नयन एवं प्रमाणन योजना के तहत 18 से 50 वर्ष की आयु के पंजीकृत निर्माण श्रमिकों, उनकी अविवाहित है। प्रशिक्षण पुत्री एवं 21 वर्ष से कम आयु के पुत्र को यह सुविधा सुलम है। कौशल विकास मिशन के द्वारा कराया जाता है और प्रशिक्षण पर होने वाले व्यय भार की प्रतिपूर्ति बोर्ड के द्वारा कौशल विकास मिशन को की जाती है। श्रमिक के द्वारा स्वयं प्रशिक्षण प्राप्त करने पर उन्हें उस अवधि की मजदूरी भी मिलेगी।

उन्होंने बताया कि कन्या विवाह सहायता योजना के तहत पंजीकृत निर्माण श्रमिक की पुत्री अथवा पंजीकृत महिला निर्माण श्रमिक के स्वयं के विवाह हेतु 55 हजार का अनुदान। अन्तर्जातीय विवाह में 61 हजार का अनुदान न्यूनतम 11 जोड़े के सामूहिक विवाह में अनुदान  65 हजार, वैवाहिक व्यय रु 7000 प्रति जोडा तथा सामूहिक विवाह में वर एव वधू की पोशाके खरीदने के लिए प्रत्येक के लिए रु 5 हजार की सहायता। पंजीकृत महिला श्रमिक के पुनर्विवाह हेतु पति की मृत्यु अथवा उससे वैधानिक विवाह विच्छेदन की स्थिति में ही देय है।

गंभीर बीमारी सहायता योजना,पेंशन योजना के तहत श्रमिक स्वयं या उस पर आश्रित अविवाहित पुत्रियाँ एवं 21 वर्ष से कम आयु के पुत्रों एवं श्रमिक पर आश्रित माता/पिता की बीमारी की स्थिती में किसी शासकीय चिकित्सालय अथवा भारत सरकार या उत्तर प्रदेश सरकार के स्वायत्तशासी चिकित्सालय या ऐसे चिकित्सालयों जिन्हें आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना की नेशनल हेल्थ अथारिटी अथवा राज्य स्तर पर कार्यदायी संस्था द्वारा अपने पैनल पर रखा गया हो, में इलाज कराये जाने पर आयुष्मान भारत योजना में चिकित्सा पर आने वाले व्ययभार के समतुल्य धनराशि की प्रतिपूर्ति किया जायेगा।

इलाज हेतु वही बीमारियाँ सम्मिलित होंगी जिन्हें आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना तथा मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना में आच्छादित किया गया हो। कम से कम 10 वर्ष तक अंशदान जमा करने वाले पंजीकृत निर्माण श्रमिक जब 60 वर्ष का पूरा होगा तो रू. 1000 प्रतिमाह आजीवन पेंशन मिलेगी। प्रति दो वर्ष में रू. 50 का इन्क्रीमेन्ट लगेगा और इस प्रकार पेंशन बढ़कर  1250 प्रतिमाह हो जायेगी। लाभार्थी श्रमिक मृत्यु हो जाने पर उसके पतिध्पत्नी, जैसी भी स्थित्ति हो को  1000 प्रतिमाह आजीवन पेंशन मिलेगी।

उन्होंने बताया कि वेल्डिंग का कार्य, बढ़ई का कार्य कूऑ खोदना, रोलर चलाना, छप्पर डालने का कार्य, राजमिस्त्री का कार्य, प्लम्बरिंग, लोहार, मोजैक पॉलिश, सड़क निर्माण, मिक्सर चलाने का कार्य, पुताई, इलैक्ट्रिक वर्क, हथौड़ा चलाने का कार्य, सुरंग निर्माण, टाईल्स लगाने का कार्य, कुएं से गाद (तलछट) हटाने का कार्य/डिविंग, चट्टान तोड़ने का कार्य या खनिकर्म, स्प्रे वर्क या मिक्सिंग वर्क (सड़क निर्माण से सम्बद्ध), मार्बल एवं स्टोन्स वर्क, चौकीदारी (निर्माण स्थल पर सुरक्षा प्रदान करने के लिए), सभी प्रकार के पत्थर काटने, तोड़ने व पीसने का कार्य, लिपिकीय/लेखा-कर्म (किसी निर्माण अधिष्ठान लिपिक व लेखाकार के रूप में कार्यरत सभी प्रकार के कर्मकार के लिए), स्विमिंग पूल, गोल्फ कोर्स आदि/सहित अन्य मनोरंजन सुविधाओं का निर्माण कार्य, बॉध, पुल, सड़क का निर्माण या भवन निर्माण के अधीन कोई संक्रिया, बाढ़ प्रबंधन व इसी प्रकार के अन्य कार्य से संबंधित सभी कार्य, ठंडे एवं गरम मशीनरी की स्थापना और मरम्मत का कार्य, अग्निशमन प्रणाली की स्थापना एवं मरम्मत का कार्य, बड़े यांत्रिक कार्य, जैसे-मशीनरी, पुल निर्माण कार्य, मकानों/भवनों की आन्तरिक सज्जा का कार्य, खिड़की ग्रिल, दरवाजे आदि की गढ़ाई एवं स्थापना का कार्य, रसोई में उपयोग हेतु माडूलर इकाइयों की स्थापना, सामुदायिक पार्क या फुटपाथ का निर्माण, ईंट-भट्ठों पर ईंट निर्माण का कार्य, मिट्टी, बालू व मौरंग के खनन का कार्य, सुरक्षा द्वार एवं अन्य उपकरणों की स्थापना का कार्य,लिफ्ट एवं स्वचालित सीढ़ी की स्थापना का कार्य, सीमेंट, कंक्रीट, ईंट आदि ढोने का कार्य, मिट्टी का काम, चूना बनाना आदि कार्य करने वाले श्रमिक इस योजना के पात्र अभ्यर्थी की श्रेणी में आते हैं।

इस मौके पर मुख्य विकास अधिकारी जागृति अवस्थी, जिला विकास अधिकारी श्री हेमन्त कुमार सिंह, उपश्रमायुक्त पिपरी, जिला पंचायत राज अधिकारी नमिता शरण, जिला दिव्यांगजन कल्याण अधिकारी विद्या देवी, जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी श्री सुधांशु शेखर शर्मा सहित अन्य सम्बन्धितगण उपस्थित रहें।

spot_img

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

लेटेस्ट पोस्ट

ब्रेकिंग: सोनभद्र के मुख्य चिकित्सा अधिकारी का हुआ तबादला

सोनभद्र।  सोनभद्र ज़िले के मुख्य चिकित्सा अधिकारी अश्वनी कुमार को शासन ने बस्ती मंडल में अपर निदेशक चिकित्सा स्वास्थ्य...

ख़बरें यह भी

Enable Notifications OK No thanks