सोनभद्र, 10 जुलाई । स्वच्छ भारत मिशन के तहत जनपद सोनभद्र में कई अभिनव और प्रभावी अभियान चलाए गए, जिन्होंने न केवल प्रदेश बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर भी अपनी अलग पहचान बनाई। जिलाधिकारी, मुख्य विकास अधिकारी, जिला पंचायत राज अधिकारी के मार्गदर्शन और जिला सलाहकार अनिल कुमार केसरी की कुशल योजना व निगरानी के साथ ये अभियान जन आंदोलन का रूप ले चुके हैं।

1. भोर में श्रमदान, 1000 किमी सड़कें चमकीं
वर्ष 2016 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के एक घंटे श्रमदान के आह्वान पर जनपद सोनभद्र की सभी ग्राम पंचायतों में सुबह 5 बजे “भोर में श्रमदान” अभियान चलाया गया। इसमें महिलाएं झाड़ू और पुरुष फावड़े से सड़कों, चकरोडों, नालियों और तालाबों की सफाई में जुटे। लगभग 1000 किमी सड़कों को साफ किया गया, जिसे प्रदेश और राष्ट्रीय स्तर पर सराहा गया।
2. ओडीएफ के लिए अनूठी निगरानी समितियों का गठन
गांवों को खुले में शौच मुक्त (ओडीएफ) करने के लिए प्रत्येक घर से एक व्यक्ति को शामिल कर निगरानी समितियां गठित की गईं। हर गांव में 200 से 1000 लोग सुबह टहलकर यह सुनिश्चित करते थे कि कोई खुले में शौच न करे और शौचालय निर्माण को बढ़ावा मिले। यह मॉडल पूरे प्रदेश में रोल मॉडल बना।
3. गौरव यात्रा की गूंज
ओडीएफ घोषित गांवों में जिलाधिकारी, पुलिस अधीक्षक और मुख्य विकास अधिकारी के नेतृत्व में गौरव यात्राएं आयोजित की गईं। पूरे गांव ने एकजुट होकर इस उत्सव में हिस्सा लिया, जिसने राष्ट्रीय स्तर पर पहचान बनाई।
4. 10,000 महिलाओं का सम्मान
डायट परिसर में 10,000 से अधिक महिलाओं की निगरानी टीम को जिलाधिकारी द्वारा सम्मानित किया गया। यह गैर-राजनीतिक आयोजन जनपद का सबसे बड़ा कार्यक्रम बन गया, जिसने प्रदेश स्तर पर खास पहचान बनाई।

5. 140 किमी की मानव श्रृंखला
जिलाधिकारी के निर्देशन में 3 लाख से अधिक लोगों ने 140 किमी लंबी मानव श्रृंखला बनाई, जो ओडीएफ के प्रति जागरूकता के लिए भारत की सबसे बड़ी मानव श्रृंखला बनकर रिकॉर्ड स्थापित किया।
6. बरसात में 70,000 शौचालयों का निर्माण
“आपकी बरसात, शौचालय के साथ” थीम के तहत दो महीनों में 70,000 शौचालयों का निर्माण कर रिकॉर्ड बनाया गया। यह अभियान स्वच्छता के क्षेत्र में मील का पत्थर साबित हुआ।

7. ग्राम समाधान दिवस
हर सोमवार को 80 ग्राम पंचायतों में ग्राम समाधान दिवस आयोजित किए गए, जहां लोगों की समस्याओं का त्वरित समाधान किया गया। इससे जनपद की आईजीआरएस रैंकिंग में सुधार हुआ।
8. जल संरक्षण में योगदान
1200 से अधिक डीप बोरवेल रिचार्ज पिट बनाकर बरसात के पानी से भूगर्भ जल स्तर को 3 मीटर तक बढ़ाया गया। “कैच द रेन” अभियान में इस पहल को खूब सराहा गया।
9. मेरा प्लास्टिक, मेरी जिम्मेदारी
प्लास्टिक मुक्त अभियान को जन आंदोलन बनाया गया, जिसे नीति आयोग ने बेस्ट प्रैक्टिस घोषित किया। कई जिले अब सोनभद्र के इस मॉडल को अपना रहे हैं।

स्वच्छ भारत अभियान के जिला समन्वयक अनिल कुमार केसरी की मेहनत से समय-समय पर चलाए गए उक्त अभियान अपने उद्देश्यों में सफल रहे। इनकी कड़ी मेहनत से सोनभद्र ने स्वच्छता, जल संरक्षण और सामुदायिक भागीदारी के क्षेत्र में एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है, जो अन्य जिलों के लिए प्रेरणा बन रहा है। सोनभद्र में इन अभियानों को लगातर गति देकर संचालित करने वाले अनिल केशरी का गैर जनपद स्थानांतरण होने के बाद आज जिला पंचायत राज अधिकारी के कार्यालय के कर्मचारियों तथा ग्राम प्रधानगणों द्वारा उनकी भावभीनी विदाई दी गई।