Friday, April 26, 2024
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सीतापुर में हुआ बड़ा जमावड़ा , वाया अवध पूर्वांचल की राह पर किसान आंदोलन

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अगर जरूरत पड़ी तो किसान महापंचायत के बाद नेता छुड़ाओ अभियान भी चलाया जाएगा। मोदी सरकार के चुनावी घोषणा पत्र में कहीं भी यह बात साफ नहीं की थी कि वह किन चीजों को बेचकर प्राइवेट कर देंगे। बीजेपी सरकार किसानों पर लाठी चलाए पर वह पीछे हटने वाले नहीं हैं। राकेश टिकैत

विंध्यलीडर की खास रिपोर्ट

सीतापुर । पश्चिमी यूपी में किसान महापंचायत की सफलता के बाद अब किसान आंदोलन अवध की ओर बढ़ चुका है। बीते दिनों सीतापुर के आरएम पी इंटर कॉलेज मैदान में सयुंक्त किसान मोर्चा के बैनर तले किसान महापंचायत का आयोजन किया गया जिसमें राकेश टिकैत, मेधा पाटकर, डॉ. सुनीलम, सामाजिक कार्यकर्ता संदीप पाण्डेय समेत कई किसान नेताओं ने हिस्सा लिया। महापंचायत में शामिल होने के लिए सीतापुर, बहराइच, पीलीभीत, लखीमपुर, शाहजहांपुर, हरदोई जिले के अलावा उत्तराखंड के रुद्रपुर जिले से हजारों किसान पहुंचे।

पश्चिमी उत्तर प्रदेश से होता हुआ यह किसान आंदोलन अब अवध पहुंच चुका है इसके बाद पूर्वांचल तक जाएगा। तो कुल मिलाकर योगी सरकार के लिए यह किसान आंदोलन एक बड़ी चुनौती बन चुका है। पूर्वांचल के जिलों के लिए यह आंदोलन खास मायने रखता है क्योंकि पश्चिमी यूपी की तरह न तो यहां कोई सशक्त किसान संगठन है जो किसानों के सवालों के लिए लड़ता रहे और न ही यहां पश्चिमी यूपी की तरह अनाज मंडियां हैं और न ही यहां किसान को अपनी फसल का उचित दाम मिल पाता है।

महापंचायत,  मजदूर किसान एकता जिंदाबाद , जय जवान जय किसान के नारों से गूंजती रही। मीडिया से बातचीत में राकेश टिकैत ने कहा कि किसान महापंचायत के जरिए ही बीजेपी सरकार के कारनामों को उजागर किया जाएगा। देश में मोदी सरकार का राज चल रहा है बीजेपी का राज नहीं चल रहा है क्योंकि बीजेपी के बड़े नेता इनके कब्जे में है ।

बीजेपी की सरकार होती तो वह किसानों से बातचीत करती लेकिन बड़े नेता इनकी कैद में हैं इसलिए किसान आंदोलन कर रहा है। अगर जरूरत पड़ी तो किसान महापंचायत के बाद नेता छुड़ाओ अभियान भी चलाया जाएगा। उन्होंने कहा कि, मोदी सरकार के चुनावी घोषणा पत्र में कहीं भी यह बात साफ नहीं की थी कि वह किन चीजों को बेचकर प्राइवेट कर देंगे। बीजेपी सरकार किसानों पर लाठी चलाए पर वह पीछे हटने वाले नहीं हैं।

उन्होंने किसान आंदोलन को फसल और नस्ल से जोड़ते हुए अगले 33 महीने तक लगातार आंदोलन जारी रखने की बात कही साथ ही कहा कि यह आंदोलन अब लखनऊ तक पहुंचेगा और उसके बाद अलग-अलग जगहों पर यह महापंचायत आयोजित की जाएगी।
योगी सरकार पर निशाते साधते हुए कहा यूपी का गुंडा ही गुंडों का बादशाह बनकर यूपी से गुंडागर्दी समाप्त करने की बात कह रहा है। यह बात किसी के गले नहीं उतर रही है। प्रदेश सरकार की चार साल की उपलब्धियों पर बोलते हुए कहा चार साल में गन्ने का एक भी रूपया नहीं बढ़ाया गया।

इस दौरान महंगाई चरम पर पहुंच गई। अब झूठ बोलकर उपलब्धियां गिनाई जा रही हैं। प्रदेश सरकार को हम झूठ का स्वर्ण पदक दिलाएंगे। उनके मुताबिक जब तक तीनों काले कानून वापस नहीं लिए जाते हैं,  यह आंदोलन लगातार चलेगा। उन्होंने किसानों से कहा कि किसी भी दिन आंदोलन की धमाकेदार शुरूआत हो सकती है। इसलिए इसके लिए हम सब तैयार रहें और अपने टैक्ट्रर को तैयार रखें।

टिकैत ने उत्तर प्रदेश के हर जनपद में किसान महापंचायत करने तथा 250 रूपये प्रति क्विंटल की दर से पराली को लेकर दाम दिलाने के लिए 2 सप्ताह के भीतर उत्तर प्रदेश में आंदोलन शुरू करने की घोषणा की।उन्होंने कहा कि जिस तरह संयुक्त किसान मोर्चा का आंदोलन दिल्ली में चल रहा है, उसी तरह का आंदोलन लखनऊ के आसपास के जिलों में चलाया जाएगा।

किसान पंचायत को संबोधित करते हुए नर्मदा बचाओ आंदोलन की नेत्री मेधा पाटकर ने कहा कि अडानी और अंबानी किसानों को लूट रहे हैं। सरकार किसान और किसानी को खत्म करने और गुलाम बनाने की साजिश कर रही है ।

उत्तराखंड तराई संगठन के नेता तेजिंदर सिंह विर्क ने कहा कि किसानों से धान का 1940 रूपये प्रति क्विंटल का समर्थन मूल्य मिलना चाहिए था लेकिन उसे 1000 रुपये में धान बेचना पड़ रहा है। 5 एकड़ जमीन वाले किसान को 60,000 रूपये का नुकसान हुआ, उसके बदले में गिने-चुने किसानों को 6000 रूपये सम्मान निधि देकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी किसानों को खुश करना चाहते हैं।

डॉ सुनीलम ने कहा कि यदि किसानों की आत्महत्या को रोकना है, किसानों की जमीन अडानी-अंबानी की लूट से बचाना है और गन्ने का 450 रूपये प्रति क्विंटल दाम पाना है तो, संयुक्त किसान मोर्चा के साथ हर किसान को जुड़ना होगा। उन्होंने संगतिन संगठन को बधाई देते हुए कहा कि सीतापुर में मनरेगा की मजदूरी करने वाली महिलाओं ने हजारों की संख्या में भाग लेकर किसान महापंचायत को ऐतिहासिक बना दिया है।

डॉ आशीष मित्तल ने कहा कि तीन किसान विरोधी कानून किसानों को कारपोरेट का गुलाम बनाएंगे। किसानों की फसल बोने की स्वतंत्रता खत्म हो जाएगी, बटाईदारों का स्थान कंपनियां ले लेगी।

डॉ. संदीप पांडेय ने खुले पशुओं से फसलों के नुकसान के सवाल को लेकर उत्तर प्रदेश में जारी आंदोलन का जिक्र करते हुए कहा कि योगी सरकार गायों का इंतजाम करने को तैयार नहीं है। लेकिन इसे लेकर किसानों को प्रताड़ित करने पर आमादा है।

कई किसान नेताओं ने कहा कि आवारा पशुओं से छुटकारा पाने के लिए किसान आवारा सरकार हटाएंगे जिसके बाद आवारा पशु अपने आप हट जाएंगे।पंजाब से आई नेत्री सोनिया मान ने कहा कि पंजाब जिस तरह से हरियाणा के साथ खड़ा है उसी तरह उत्तर प्रदेश के साथ खड़ा होगा।

राजवीर जादौन ने कहा कि किसान आंदोलन ने जाति और धर्म की दीवारें तोड़ दी हैं। उन्होंने कहा कि पूर्वांचल में किसान महापंचायतें हो रही है। महापंचायत का संचालन ऋचा सिंह एवम दलजीत सिंह ने किया। उन्होंने कहा कि सीतापुर की महापंचायत अवध के इलाके में किसान आंदोलन का विस्तार करेगी और मजबूत बनाएगी।

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