—पूर्वांचल नव निर्माण किसान मंच के नेता श्रीकांत त्रिपाठी तथा गिरीश पाण्डेय को पुलिस ने एक दिन पहले ही किया नजरबंद ।
—किसानों के आन्दोलन से भयाक्रांत है योगी और मोदी सरकार – श्रीकांत त्रिपाठी
सोनभद्र। लखीमपुर खीरी में किसानों के उपर गाड़ी चढ़ाने के बाद से किसान आन्दोलन ने सरकार व जनप्रतिनिधियों को घेरने के लिए जो रणनीति बनाई है, उसी क्रम मे सोलह अक्टूबर को जनप्रतिनिधियों का पुतला दहन किये जाने का आह्वान संयुक्त किसान मोर्चे के द्वारा किया गया है।सोनभद्र में किसानान्दोलन का शुरु से समर्थन कर रहे पूर्वांचल नव निर्माण किसान मंच के नेता श्रीकांत त्रिपाठी तथा गिरीश पाण्डेय को उत्तर प्रदेश पुलिस ने कार्यक्रम के एक दिन पहले ही नजरबंद कर दिया है ।
जिससे जनपद के किसानों में घोर आक्रोश है। किसान नेता श्रीकांत त्रिपाठी तथा गिरीश पाण्डेय ने कहा किसानआन्दोलन से योगी और मोदी सरकार पूरी तरह भयाक्रांत है ।
उन्होंने कहा कि पिछले दस महीने से अधिक समय से चल रहे किसान आंदोलन को कुचलने का लगातार प्रयास कर रही सरकारें पहले किसानों को बदनाम करने के लिए खालिस्तानी तथा आतंकी साबित करने की नाकामयाब कोशिश कर रहीं और अब थक हार कर सरकार के लोग किसानान्दोलन को कमजोर करने के लिए दमनकारी नीति अपना रही हैं।
नेता द्वय ने कहा भाजपाई जहां एक तरफ जीप किसानों पर चढ़ा रहे हैं तो खुद सरकार के मुखिया पुलिस के बल पर गांव गांव किसानों को आन्दोलन में जाने से रुकवाने का प्रयास कर रहे हैं।सरकार का यह कदम प्रमाणित करता है कि योगी और मोदी जी की सरकार किसानान्दोलन से भयभीत है।
नेता द्वय ने कहा संयुक्त किसान मोर्चे के आह्वान पर कल निर्धारित समय से सोनभद्र के गांवों तथा कस्बों के चौराहों पर सरकार के मंत्रियों जनप्रतिनिधियों का घेराव किया जायेगा । कहा सरकार के पास किसानों की जायज मांग मानने के अलावा कोई विकल्प नहीं है।
इधर सोनभद्र बार एसोसिएशन के अध्यक्ष चन्द्र प्रकाश द्विवेदी ने कहा कि सरकार द्वारा किसान नेताओं को नजरबंद किया जाना किसानों की भावनाओं को ठेस पहुंचाने और दुर्भाग्यपूर्ण है । लोकतंत्र मे किसी को अपनी बात कहने तथा सरकार की दोषपूर्ण नीतियों के खिलाफ विरोध दर्ज कराने का पुरा अधिकार है ।