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अजय भाटिया
चोपन । सोनभद्र। मुख्य बाजार में स्थित अग्रवाल धर्मशाला जहां पिछले चार दशक से यहां आने वाले यात्रियों को रात्रि विश्राम एवं ठहरने की सुविधा मुहैया करा रही है वही धर्मशाला परिसर में स्थापित दुर्गा मंदिर में मां दुर्गा के भव्य स्वरूप का दर्शन कर लोग भाव विभोर हो उठते हैं। अग्रवाल धर्मशाला की स्थापना से आज तक की विकास यात्रा पर विंध्यलीडर की विशेष रिपोर्ट
अपने और परिवार के लिए तो सब जीते हैं, लेकिन जो इसके साथ साथ समाज के सेवा कार्यों में भी हाथ बटाता है समाज लंबे समय तक उनके सेवा कार्यों को याद करता है।
ऐसी ही मिसाल पेश करते हुए चोपन में करीब चार पांच दशक पहले अग्रवाल समाज के कुछ प्रतिष्ठित, समाज के प्रति समर्पित संवेदनशील लोगों ने , समाज में सेवा भाव से मुख्य बाजार में दुर्गा मंदिर एवं जनकल्याण के लिए धर्मशाला के निर्माण का मन बनाया। इस संदर्भ में स्थानीय निवासी श्री कृष्ण कुमार जैन जी बताते हैं की 1977 में समाज के सर्वश्री रामस्वरूप गर्ग , ठंडी राम अग्रवाल, रामकुमार अग्रवाल, निरंजन गोयल,जय भगवान अग्रवाल, फकीर चंद अग्रवाल, प्रेम सागर जैन,राम किशुन अग्रवाल,जय नारायण अग्रवाल एवं अन्य ने अग्रवाल धर्मशाला की नीव रखी।
समाज के सहयोग से 3 वर्षों में धर्मशाला का प्रथम तल तैयार हुआ। 1980 में इसका शुभारंभ विकास प्राधिकरण की तत्कालीन अधिकारी श्रीमती उषा कंसल जी द्वारा किया गया। धर्मशाला परिसर में ही मां दुर्गा का भव्य मंदिर बनाया गया है, जिसमें स्थापित मां दुर्गा की भव्य प्रतिमा के असंख्य स्वरूप दिखाई पड़ते हैं।
सन 1980 में एक तल से शुरू हुई अग्रवाल धर्मशाला उत्तरोत्तर प्रगति के मार्ग पर बढ़ते हुए आज तीन तल की भव्य धर्मशाला के रूप में बदल चुकी है। धर्मशाला के निर्माण के बाद राहगीरों को काफी राहत मिली। यहां वाजिब किराए में लोगों को विशेषकर राहगीरों को जहां मांस, मदिरा, धूम्रपान, नशीले पदार्थों के सेवन की कुछ पाबंदियों के साथ रात्रि विश्राम एवं ठहरने की जगह मिल जाती है, वही नगर के लोगों को शादी विवाह जैसे अपने विविध आयोजनों हेतु सुख सुविधाओं से युक्त पर्याप्त स्थान उपलब्ध हो जाता है।
यहां मंदिर में प्रयोग की गई तकनीक के चलते मां दुर्गा की भव्य प्रतिमा के असंख्य स्वरूप दिखाई पड़ते हैं, जिनके दर्शन कर भक्त निहाल हो उठते हैं। मंदिर के पुजारी मां के परम भक्त पंडित सन्तोष देव पांडेय यहां दर्शन हेतु आने वाले भक्तजनों को विधि विधान से पूजा पाठ कराते हैं। वे कहते हैं कि मां के दरबार से भक्त कभी खाली नहीं जाते। माता रानी सबकी मुरादें पूरी करती है।
एक दशक से भी अधिक अंतराल से यहां प्रतिवर्ष दोनों नवरात्रों में भव्य भंडारे के आयोजन के साथ ही भगवान श्री कृष्ण जन्मोत्सव जन्माष्टमी का पावन पर्व एवं महाराजा अग्रसेन महाराज जी की जयंती धूमधाम से मनाई जाती है।
धर्मशाला के निर्माण एवं विकास में अग्रवाल समाज के सब लोगों ने अपना यथा संभव सहयोग प्रदान किया। तीन दशकों से भी अधिक अंतराल तक अब गोलोक वासी स्व.फकीर चंद अग्रवाल जी ने धर्मशाला में एक अभिभावक के रूप में अपना पूरा अमूल्य समय देकर इसके विकास में जो अमूल्य सहयोग प्रदान किया उसे भुलाया नहीं जा सकता।
वर्तमान में यह धर्मशाला अग्रवाल समाज के यशस्वी अध्यक्ष माननीय नंदकिशोर अग्रवाल जी की अगुवाई में विकास के पथ पर अग्रसर है। धर्मशाला में किराए के रूप में होने वाले आय यहां होने वाले धार्मिक आयोजनों एवं धर्मशाला के विकास में खर्च की जाती है।