ईमानदार और निड़र पत्रकारिता के हाथ मजबूत करने के लिए विंध्यलीडर के यूट्यूब चैनल को सब्सक्राइब और मोबाइल एप को डाउनलोड करें
यह भी कहा जा रहा है कि 50 में से चार पावर प्लांट के पास सिर्फ 10 दिन और 13 पावर प्लांट के पास 10 दिन से कुछ अधिक समय के इस्तेमाल का ही कोयला बचा हुआ है ।
नई दिल्ली । चीन में इन दिनों बिजली संकट चल रहा है. कई उद्योगों की बिजली काटी जा रही है, इसका असर उसकी अर्थव्यवस्था पर भी पड़ने का खतरा बताया जा रहा है । ठीक वैसे ही भारत में भी बिजली संकट पैदा हो सकता है ।
दरअसल केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय और अन्य एजेंसियों की ओर से उपलब्ध कराए गए कोयले के आंकड़ों का आकलन करके यह चेतावनी विशेषज्ञों द्वारा दी गई है । मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार देश के कुल 135 थर्मल पावर प्लांट में से 72 पावर प्लांट के पास महज 3 दिनों का ही कोयला बचा है. ऐसे में सिर्फ 3 दिन ही बिजली बनाई जा सकती है ।
विशेषज्ञों के अनुसार इन सभी 135 पावर प्लांट में बिजली की कुल खपत की 66.35 फीसदी बिजली बनाई जाती है। अगर 72 पावर प्लांट कोयले की कमी से बंद होते हैं तो करीब 33 फीसदी बिजली का उत्पादन घट जाएगा । इससे देश में बिजली संकट उत्पन्न हो सकता है ।
सरकारी आंकड़ों के अनुसार कोरोना महामारी से पहले अगस्त-सितंबर 2019 में भारत में रोजाना बिजली की 10,660 करोड़ यूनिट की खपत होती थी। अब अगस्त-सितंबर 2021 में यह बढ़कर 14,420 करोड़ यूनिट हो गई है । दो साल में कोयले की खपत 18 फीसदी बढ़ चुकी है ।
मीडिया रिपोर्ट में यह भी कहा जा रहा है कि 50 में से चार पावर प्लांट के पास 10 दिन और 13 पावर प्लांट के पास सिर्फ 10 दिन से कुछ अधिक समय के इस्तेमाल का ही कोयला बचा हुआ है । केंद्र सरकार ने कोयले के भंडारण की समीक्षा के लिए कोयला मंत्रालय के नेतृत्व में समिति बनाई है. यह टीमें इसकी निगरानी कर रही हैं ।