अजय भाटिया
चोपन, सोनभद्र। जब जीवन भर की कमाई जोड़कर बना आशियाना उजड़ने के कागार पर हो तो अपनी सुध बुध किसे रहती है। ऐसे में लोग ना तो अपनी जान की परवाह करते हैं, और ना ही किसी नियम कायदे की। प्रीत नगर में रविवार को स्थानीय निवासियों की हुई बैठक में कुछ ऐसा ही नजारा दिखाई दिया।
प्रीतनगर क्षेत्र में रेलवे द्वारा स्थानीय लोगों को जमीन खाली करने के संदर्भ में डाक से भेजी जा रही नोटिसों के संदर्भ में रविवार को एक बैठक की गई थी। किसी तरह अपना आशियाना बचे ,उम्मीद की इस किरण के साथ भारी संख्या में पुरुष महिलाएं इस बैठक में उपस्थित थीं। आपाधापी के दौर में ना किसी में कोरोना का डर दिखा , ना नियम कायदे का। बैठक में ना किसी के चेहरे पर मास्क दिखाई दिया और ना सोशल डिस्टेंसिंग मानक की 2 गज दूरी। लोगों के चेहरों पर खौफ दिखा तो बस रेलवे का।
बैठक में सभी ने एकजुट होकर रेलवे से इस लड़ाई को लड़ने का संकल्प लिया।