Tuesday, April 23, 2024
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अब रेल की पटरियों से हो रहा अवैध खनन से निकली गिट्टी का परिवहन

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अवैध खनन व परिवहन पर मुख्यमंत्री की सख्ती के चलते खनन माफियाओं ने रेलवे से बिना परमिट गिट्टी ले जाने का निकाला नया तरीका

सोनभद्र।अभी तक आपने ट्रकों से अवैध परिवहन के खेल होते तो देखा होगा। लेकिन आज हम खनन माफियाओं द्वारा बिना परमिट के गिट्टी परिवहन की ऐसी तरकीब आपको बताने जा रहे हैं जिसे सुनकर आपके होश उड़ जाएंगे । हम आपको दिखाएंगे कि कैसे खनन व परिवहन माफिया योगी सरकार को करोड़ों रुपये का चूना लगा रहे हैं ।

दरअसल इन दिनों परिवहन माफिया सोनभद्र में अवैध माल भेजने के लिए ट्रकों के बजाय ट्रेन का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है। हालांकि यह खेल काफी लंबे समय से चल रहा है लेकिन पकड़ में तब आया जब मीडिया में यह खबर आयी कि ओबरा के बिल्ली रेलवे स्टेशन पर लगभग 300 ट्रक अवैध रूप से गिट्टी डंप किया हुआ है जो गैर जनपद भेजी जाएगी। मीडिया में खबर आने के बाद खनन विभाग समेत रेलवे विभाग में हड़कंप मच गया। आनन-फानन में जिलाधिकारी ने टीम गठित कर जांच करवाई ।

खनन विभाग ने अपनी जांच में यह तो स्वीकार कर लिया कि बिल्ली स्टेशन पर डंप माल पूरी तरह से संदिग्ध है । लेकिन खुद के दामन को बचाने के लिए खनन विभाग ने स्टेशन मास्टर को एक पत्र लिख कर जवाब तलब किया है ।

हालांकि स्टेशन मास्टर इसके लिए खनन विभाग को ही जिम्मेदार ठहरा रहे हैं।

यानी इतनी बड़ी गिट्टी की खेप क्रेशर से निकल कर रेलवे स्टेशन के परिसर तक कैसे पहुंची यह न तो खनन विभाग को पता है और न स्टेशन मास्टर को ।

मगर विन्ध्य लीडर आज इस खेल की हर परत को खोलेगा ।विन्ध्य लीडर आगे आपको दिखायेगा कि कैसे इस खेल में दोनों विभाग जिम्मेदार है और पूरे मामले पर लीपा पोती करने में जुटे हुए है।

सवाल यह उठता है कि करोड़ो रूपये की डंप यह गिट्टी आयी कहाँ से ? यह कोई भी बताने को तैयार नहीं । लेकिन विन्ध्य लीडर के पास स्टेशन मास्टर गिरीश कुमार का वह बयान मौजूद है जिसमे वे लगातार हँसकर पूरे मामले का खुलासा कर रहे हैं कि यह खेल लम्बे समय चल रहा है, वे तो अभी आये हैं ।

विन्ध्य लीडर का सीधा सवाल है कि आखिर इतनी बड़ी खेप क्रेशर क्षेत्र से स्टेशन तक पहुंच गई लेकिन किसी को कानोकान खबर कैसे नहीं हुई ?

सवाल तो यह भी उठता हैं कि नक्सल प्रभावित जनपद में कोई कैसे बिना परमिशन के माल स्टेशन पर रखकर जा सकता है? नियम के मुताबिक रेलवे के क्षेत्र में कोई भी माल बिना रेलवे के परमिशन के कैसे रखा जा सकता है? आखिर स्टेशन की सुरक्षा व्यवस्था में लगे लोग क्या कर रही थे ? और फिर स्टेशन मास्टर ने माल के बारे में जानकारी क्यों नहीं ली?जबकि लगभग 300 ट्रक गिट्टी वहाँ डंप हो गयी और यह कैसे सम्भव है कि किसी जिम्मेदार की नजर नहीं पड़ी?यह तो समझा जा सकता है कि सबने अपनी आंख मूंद रखी थी वह भी किस एवज में ? यह पड़ताल के विषय है।

विन्ध्य लीडर की टीम लगातार अधिकारी से संपर्क कर उनका पक्ष जानने की कोशिशों में जुटा रहा लेकिन कोई भी अधिकारी कैमरे पर बोलने को तैयार नहीं था। फिर हमने खनन अधिकारी से फोन पर जानकारी ली तो उन्होंने अपने बेतुका बयान से हमें भी चौका दिया । खनन अधिकारी का कहना है कि उनके पास ऐसा कोई टॉवर नहीं लगा कि चोर पकड़ा जाय ।यहाँ तो हजारों चोर घूम रहे हैं।

बहरहाल कुल मिलाकर अवैध परिवहन का खेल तो पुराना है मगर तरीका नया है । जिलाधिकारी ने पूरे मामले की जांच के लिए भले ही टीम गठित कर दिया हो लेकिन विन्ध्य लीडर की पड़ताल आगे भी जारी रहेगी और दिखाएगी कि इस खेल में और कितने राज हैं..

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