सोनभद्र । एक जिला एक उत्पाद योजना के तहत अब नए सिरे से सोनम धान की प्रजाति को सोनभद्र का ब्रांड बनाने की कोशिशें तेज हो गई हैं । अपको बताते चलें कि पुर्व में एक जिला एक उत्पाद योजना के तहत जिले में कालीन उद्योग का चयन किया गया है लेकिन यहां इसका कोई स्कोप ना होने के कारण युवाओं को इस योजना का कोई लाभ नहीं मिल पा रहा है । कुछ आवेदन आ भी रहे हैं तो बैंक स्थिति को देखते हुए लोन देने में आनाकानी कर रहे हैं । उपायुक्त उद्योग बात चीत में बताते हैं कि इस वित्तीय वर्ष में इस योजना में अब तक बड़ी मुश्किल से चार आवेदन पत्र उपलब्ध हो पाए हैं । उन्हें संस्तुति कर आगे भी बढ़ा दिया गया है लेकिन बैंक इनको कितना तरजीह देंगे ? कह पाना मुश्किल है । यही वजह है कि उद्योग विभाग ने एक जिला एक उत्पाद योजना में इस जिले में उत्पाद बदलने का प्रस्ताव रखा जिससे कि यहाँ के युवाओं को इसका लाभ मिल सके ।इसी कड़ी में किये जा रहे प्रयासों के रूप में उद्योग विभाग के प्रस्ताव के क्रम में डीएम अभिषेक सिंह ने अपर मुख्य सचिव नवनीत सहगल को पत्र भेजकर इसे सोनभद्र का ब्रांड का दर्जा दिलाने का अनुरोध किया है । इससे पहले डीएम रहे एस राजलिंगम ने प्रमुख सचिव उद्योग को पत्र भेजा था लेकिन उस पर अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हो पाई। इसको देखते हुए इस बार प्रकरण अपर मुख्य सचिव को संदर्भित किया गया है । बताते चलें कि जिले का ज्यादातर हिस्सा पहाड़ पठार और वनों से आच्छादित होने के बावजूद सोनभद्र
में धान की अच्छी खासी खेती होती है । धान की अच्छी खेती के कारण यहां के विजयगढ़ अंचल को धान का कटोरा भी कहा जाता है ।इस एरिया में ज्यादातर खेती सोनम धान की होती है । आपको बताते चलें कि सोनम धान जहाँ खाने में स्वादिष्ट होता है वहीं इसके मुलायम होने के कारण बाजार में इसकी अच्छी मांग भी है।उपायुक्त उद्योग राजधारी प्रसाद गौतम और सहायक प्रबंधक अजीत सिंह ने बताया कि डीएम की तरफ से पिछले सप्ताह जो पत्र अपर मुख्य सचिव को भेजा गया है उससे उम्मीद की जा रही है कि जल्द ही सोनम धान की प्रजाति को एक जिला एक उत्पाद के तहत ब्रांडिंग की मजबूरी मिल जाएगी ।उद्योग विभाग का मानना है कि सोनम धान को सोनभद्र का ब्रांड बनाए जाने और इसकी पैकेजिंग को बढ़ावा देने से किसान और यहां के बेरोजगार युवाओं को रोजगार का अच्छा जरिया मिल सकता है ।