योगी सरकार 39 जातियों को अन्य पिछड़ी जातियों (OBC) की सूची में शामिल करने की तैयारी कर रही है। 24 जातियों का सर्वेक्षण पहले ही पूरा हो चुका है और आने वाले दिनों में 15 जातियों का सर्वेक्षण पूरा कर लिया जाएगा।
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लखनऊ । अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले इस बार उत्तर प्रदेश में जातिगत समीकरण का मुद्दा छाया हुआ है। सभी पार्टियां अपने-अपने हिसाब से जातियों के हिसाब से लुभाने में लगी हुई है।
समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी जहां ब्राह्मण मतदाताओं तक पहुंचने के लिए सम्मेलन आयोजित कर रही है, वहीं भाजपा राज्य में सत्ता बनाए रखने के लिए रणनीतिक रूप से अपने पत्ते खेल रही है।
एक रिपोर्ट के अनुसार, योगी आदित्यनाथ सरकार राज्य में 39 जातियों को अन्य पिछड़ी जाति की सूची में शामिल करने की तैयारी कर रही है। 39 जातियों में से 24 जातियों का सर्वेक्षण पहले ही पूरा हो चुका है और आने वाले दिनों में 15 जातियों का सर्वेक्षण पूरा कर लिया जाएगा।
विंध्यलीडर को प्राप्त एक रिपोर्ट के मुताबिक, राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग जल्द ही इस संबंध में उत्तर प्रदेश सरकार को सिफारिश करेगा। यह जानकारी आयोग के अध्यक्ष जसवंत सैनी ने दी। इन 39 जातियां में- वैश्य, जायस्वर राजपूत, रूहेला, भूटिया, अग्रहरी, दोसर, मुस्लिम शाह, मुस्लिम कायस्थ, हिंदू कायस्थ, कोर क्षत्रिय राजपूत, दोहर, अयोध्यावासी वैश्य, बरनवाल, कमलापुरी वैश्य, केसरवानी वैश्य, बगवां, भट्ट, उमर बनिया, महौर वैश्य, हिंदू भाट, गोरिया, बॉट, पंवरिया, उमरिया, नोवाना और मुस्लिम भट शामिल हैं। इन सब को सरकार ओबीसी की सूची में डाल सकती है।