विवेक श्रीवास्तव
लखनऊ । आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने गाजियाबाद में एक कार्यक्रम के दौरान हिंदू-मुस्लिमों के पूर्वजों को एक बताया था। उन्होंने कहा था कि हिंदू-मुस्लिमों की पूजा-पद्धति आज भले ही अलग हो गई है, लेकिन दोनों के पूर्वज एक थे, दोनों का डीएनए एक है। मोहन भागवत के इस बयान पर शनिवार को एक प्रेस रिलीज जारी कर हिन्दू समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष किरन कमलेश तिवारी ने कहा की आरएसएस के कैंपों में सिर्फ दामाद विंग तैयार किए जा रहे थे,
किरन कमलेश तिवारी ने हिंदू-मुस्लिमों के पूर्वजों को एक बताने का विरोध किया। उन्होंने कहा कि गुरु गोविंद सिंह, महाराजा रणजीत सिंह, महाराणा प्रताप, शिवाजी और धर्म न बदलने के कारण अपनी जान गंवाने वाली हरियाणा की बेटी निकिता तोमर जैसे लोग उनके पूर्वज हैं, लेकिन वे लोग उनके पुरखे नहीं हैं जो हिंदुओं के धर्मांतरण के अपराधी रहे हैं, जिन्होंने अपनी तलवार के दम पर निरपराध लोगों का जबरन धर्मांतरण कराया।
उन्होंने कहा कि इस तरह की बात केवल हिंदू समुदाय मानता है, अगर मुस्लिम समुदाय भी इसी तरह सबको एक समान मानता तो कश्मीर में लाखों हिंदुओं का कत्ल और पलायन नहीं होता। उन्होंने कहा कि भाईचारे की जिम्मेदारी सब धर्मों पर एक समान लागू होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर हम सभी लोगों को अपना पुरखा मानने लगेंगे, तो क्या अब हिंदुओं को बाबर,औरंगजेब, मुहम्मद गौरी और गजनी का भी श्राद्ध-तर्पण करना चाहिए।
उन्होंने कहा कि अगर ऐसे लोगों का तर्पण होगा तो उनका गोत्र क्या बताना होगा, यह भी बताना चाहिए।
किरन तिवारी ने पूछा कि अगर शिवाजी-महाराणा प्रताप मुगलों से लड़ रहे थे तो क्या वे गलत कर रहे थे? क्या उन्हें इन लोगों से लड़ना नहीं चाहिए था, बल्कि उनसे अपनी बहन-बेटियों की शादी कर देनी चाहिए थी क्योंकि (मोहन भागवत के बयान के अनुसार) वे भी एक ही वंशज के पुत्र थे। उन्होंने कहा कि इस तरह का बयान केवल हिंदू समाज को दिग्भ्रमित करने की कोशिश है।