Thursday, March 28, 2024
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कोरोना की दूसरी लहर से डगमगाया साइकिल व्यापार

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नई दिल्ली/प्रयागराज ।  राजधानी दिल्ली में कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के मद्देनजर लगाए गए लॉकडाउन के चलते व्यापार पर काफी बुरा असर पड़ा है. अब अनलॉक के बावजूद भी व्यापार अपने पैरों पर खड़ा नहीं हो पाया है. यही कुछ हाल साइकिल व्यापार के क्षेत्र का भी है. कोरोना संक्रमण कि दूसरी लहर के प्रकोप से व्यापार का यह क्षेत्र भी नहीं बच पाया है. हालांकि कोरोना संक्रमण की पहली लहर के दौरान राजधानी दिल्ली में साइकिलों की मांग जरूर बढ़ी थी, लेकिन दूसरी लहर के बाद बाजार पूरी तरह से ठप्प पड़ा है ।



राजधानी दिल्ली में सबसे बड़ी साइकिल मार्केट झंडेवालान के क्षेत्र में स्थित है, जहां पर लगभग 120 दुकानें हैं. इस मार्केट पर लगभग 30,000 लोग न सिर्फ निर्भर हैं बल्कि उनका पेट भी भरता है. यहां हर एक दुकान में करीब 10 लोगों को रोजगार मिलता है. कोरोना संक्रमण से पहले झंडेवालान की साइकिल मार्केट में खरीदारी के लिए लोगों की भीड़ रहा करती थी. कोरोना संक्रमण की पहली लहर के दौरान यह भीड़ 50 प्रतिशत तक कम हो गई थी. अब दूसरी लहर के बाद हालात तो यह है कि बाजार से ग्राहक पूरी तरह से नदारद हो गए हैं. दिन भर में गिने-चुने ग्राहक ही बाजारों का रुख करते हैं.फिटनेस मेंटेन करने के लिए लोग खरीद रहे साइकिल

झंडेवालान क्षेत्र में स्थित साइकिल मार्केट की स्थापना साल 1976 में की गई थी. इससे पहले साइकिल मार्केट चांदनी चौक में स्थित थी. वहां से इस मार्केट को झंडेवालान शिफ्ट किया गया. कोरोना संक्रमण के दौरान पिछले 16 महीनों के समय में झंडेवालान की साइकिल मार्केट लगभग 4 से 5 महीने बंद रही है. इससे व्यापारियों को बहुत नुकसान हुआ है. कोरोना संक्रमण की वजह से बाजार में पैदा हुई आर्थिक तंगी के कारण व्यापारी परेशान है. वहीं मार्केट में कैश क्रंच की समस्या ने भी व्यापारियों की परेशानी बढ़ा रखी है.

effect of coronavirus on cycle market in delhi

बाजार में ग्राहक पहले के मुकाबले बहुत कम हुई


कोरोना संक्रमण के चलते आर्थिक तंगी और पेट्रोल-डीजल के दामों में लगातार हो रही वृद्धि के कारण साइकिल के स्पेयर पार्ट्स और कॉम्पोनेंट्स के दामों में भी वृद्धि देखी गई है.साइकिल व्यापार क्षेत्र से जुड़े व्यापारियों की मानें तो पिछले कुछ महीनों में साइकिल कॉम्पोनेंट्स की कीमत 10 से 15% तक बढ़ी है. वहीं बच्चों के लिए टॉय साइकिल और खिलौने वाली गाड़ियों की कीमत 20 से 25% तक बढ़ गई है. सामान्य शब्दों में कहें तो पहले के मुकाबले बच्चों की साइकिल के दाम में लगभग 500 रुपये की बढ़ोतरी हो गई है. बड़ों की साइकिल में 1000 से लेकर 2000 रुपये की बढ़ोतरी देखी जा रही है. इसका सीधा असर एक आम आदमी की जेब पर पड़ रहा है, जो साइकिल खरीदने के लिए मार्केट में आता है.

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फिटनेस मेंटेन करने के लिए लोग खरीद रहे साइकिल

इलाहाबाद हिवेट रोड मार्केट में साइकिल व्यापार के क्षेत्र से पिछले दो दशक से जुड़े अभिनव मिश्रा ने विंध्यलीडर को बताया कि बाजार के अंदर इन दिनों हालात बिल्कुल भी ठीक नहीं है. ग्राहक पहले के मुकाबले बहुत कम हो गई है. बड़ी मुश्किल से दुकान का खर्चा कर्मचारियों की सैलरी और अन्य चीजें निकल पा रही हैं. वहीं दूसरी तरफ पेट्रोल डीजल के रेट बढ़ने से साइकिल की कॉम्पोनेंट्स की कीमतें भी बढ़ी हैं.

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साइकिल को तीन श्रेणियों में बांटा गया


अनुभव मिश्रा जो मिश्रा साइकिल के मालिक है ने बताया कि पिछले कुछ समय से कल्चर थोड़ा बदल रहा है. लोग साइकिल की तरफ ज्यादा ध्यान दे रहे हैं. हालांकि कोरोना संक्रमण के पहली लहर के बाद जब दुकानें खुली थी तो साइकिलों की बिक्री हुई थी. क्योंकि उस समय जिम और बाकी चीजें बंद थी. लोगों ने साइकिल के जरिए ही अपने आप को फिट रखने की कोशिश की. लोगों ने साइकिलें इसीलिए खरीदी थी, ताकि वह अपने आप को फिट रख सके. वहीं दूसरी लहर के बाद अब हालात थोड़े खराब हो गए हैं. लोगों के पास पैसा नहीं है. वह अपने मुश्किल समय के लिए पैसा बचाना चाहते हैं. इसलिए मार्केट में खरीदारी कम है.

पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ रहे हैं वह एक चिंता का विषय है. लेकिन लोग साइकिल का रुख नहीं कर रहे हैं, जो लोग साइकिल खरीद रहे हैं वह अपनी फिटनेस मेंटेन करने के लिए साइकिल खरीद रहे हैं.

बाजार में अब अलग-अलग प्रकार की बहुत सारी साइकिलें देखने को मिल रही हैं. पहले जैसे साइकिल में लोहे के मैटेरियल का प्रयोग होता था. वहीं अब साइकिलों के अंदर एलुमिनियम और स्टील जैसी चीजों का भी प्रयोग होने लगा है. इसकी वजह से साइकिल को अलग शेप में बनाने के साथ-साथ उन्हें एनीमेटेड रंग रूप भी दिया जा रहा है. इसकी वजह से साइकिल बच्चों के लिए आकर्षण का केंद्र भी बनने लगी है.

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बच्चों के लिए गाड़ियां बनी आकर्षण का केंद्र

साइकिल को तीन श्रेणियों में बांटा गया

  • वर्तमान समय में साइकिल को तीन श्रेणियों में बांटा गया है. इसमें बच्चों के लिए साइकिल, टीनएज बच्चों के लिए साइकिल और एडल्ट यानी 18 साल से ज्यादा उम्र के बच्चों के लिए साइकिल.
  • बाजार में बच्चों (2साल से 11 साल तक) की साइकिल की कीमत 2000 से लेकर 15000 रुपये तक है.
  • 12 साल से लेकर 18 साल तक बच्चों के लिए साइकिल की कीमत 7000 रुपये से शुरू होकर 20,000 रुपये तक.
  • 18 साल से ज्यादा उम्र के बच्चों की साइकिल की कीमत 7000 से लेकर 60000 रुपये तक
  • प्रोफेशनल साइकिलों की कीमत 1 लाख रुपये से शुरू होती है और 3.5 से 4 लाख तक जाती हैं.
  • साइकिल के साइज के हिसाब से कीमतों का चार्ट
  • बाजार में 12 इंच की साइकिल की कीमत 2000 से लेकर 7000 रुपये तक है
  • 14 इंच की साइकिल की कीमत भी इसी रेंज में है
  • 16 इंच की साइकिल की कीमत 3000 रुपये से शुरू होकर 7000 तक है
  • 20 इंच की साइकिल की कीमत 5 से 10, 000 रुपये के बीच है
  • 24 इंच की साइकिल की कीमत 6 से 12, 000 रुपये
  • 26 इंच की साइकिल की कीमत 7 से 20,000 रुपये तक
  • 27 इंच की साइकिल की कीमत 7 से 21, 000 रुपये
  • 28 और 29 इंच की साइकिल की कीमत 12, 000 से शुरू होकर 7000 तक है. यह सभी कीमतें अलग-अलग कंपनियों के ब्रांड के हिसाब से ऊपर नीचे हो सकती है.

बाजार में छोटी गाड़ियां जो बच्चों के लिए आकर्षण का केंद्र बनी है. जिनकी कीमत 5800 रुपये से शुरू होकर 16500 तक जाती है. यह 1 साल से लेकर 5 साल तक के बच्चे के साइज के अनुसार उपलब्ध है. वहीं जो छोटी-छोटी बाइक भी काफी चल रही हैं. इलेक्ट्रिक बाइक्स की कीमत 3000 रुपये से लेकर 9000 रुपये तक है. यह 2 साल से लेकर 10 साल तक के बच्चे की उम्र के लिए उपलब्ध है.

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