Friday, April 19, 2024
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एकता की अनूठी मिसाल, कान्हा के लिए मुस्लिम कारीगर तैयार कर रहे मुकुट

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आगरा के ताजगंज में इन दिनों स्वयं सहायता समूह के लोग कान्हा के लिए मुकुट बनाने का काम कर रहे हैं. श्री कृष्ण जन्माष्टमी नजदीक है ऐसे में तैयारियां भी शबाब पर हैं. खास बात यह है कि मुकुट बनाने का काम ज्यादातर मुस्लिम कारीगर कर रहे हैं जो हिन्दू मुस्लिम एकता की मिसाल है.

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आगरा ।  श्रीकृष्ण जन्माष्टमी को कुछ ही दिन बचे हुए हैं ऐसे में तैयारियां भी चरम पर हैं. देश-विदेश के कृष्ण मंदिरों में भी जन्माष्टमी को लेकर तैयारियां की जा रही हैं और कृष्ण भगवान को पहनाने के लिए बेहद खूबसूरत और आकर्षक मुकुट और पोशाक बनाए जा रहे हैं. ताजनगरी के ताजगंज की बस्तियों और मोहल्लों में भी इन दिनों जरी वर्क से भगवान श्री कृष्ण के लिए मुकुट बनाए जा रहे हैं. वहीं, कृष्ण की पोशाक बनाने वाले यह लोग हिन्दू-मुस्लिम एकता की मिसाल पेश कर रहे हैं क्योंकि यहां पोशाक बनाने वाले लोग ज्यादातर मुस्लिम हैं.

श्रीकृष्ण जन्माष्टमी को लेकर ताजनगरी में जरदोजी के कारीगर दिन रात रंग-बिरंगे और सुंदर मोर मुकुट बनाने में लगे हुए हैं. ताजगंज क्षेत्र में तमाम स्वयं सहायता समूह और घरों में जरदोजी कारीगर जोर-शोर से काम कर रहे हैं. बता दें इस बार 30 अगस्त को श्री कृष्ण जन्माष्टमी मनाई जानी है. समय भी काफी कम बचा हुआ है. यही वजह है कि कृष्ण के मुकुट को आकर्षक रूप देने के लिए कारीगर दिन रात एक किए हुए हैं.

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मुकुट बनाते कारीगर

मुकुट बनाने के लिए सबसे पहले कागज पर डिजाइन तैयार की जाती है. जिसके बाद डिजाइन में जरी वर्क के साथ ही रंग बिरंगे मोती, स्टोन और शीशे लगाकर मुकुट को बेहद आकर्षक रूप दिया जा रहा है. मुकुट बनाने का पूरा काम सुई धागे से होता है. समूह के जिम्मेदार लोग माल और मटेरियल लेकर आते हैं.

दिन रात काम में जुटे कारीगरकृष्ण जन्माष्टमी की जोर शोर से तैयारी

स्वयं सहायता समूह के हेड शाह कमर ने बताया कि, करीब 10 साल से वह भगवान श्री कृष्ण के मुकुट बनाने का काम कर रहे हैं. शाह बताते हैं कि वह अपना स्वयं सहायता समूह बनाकर काम करते हैं. जिसमें 10 कारीगर शामिल हैं. जो एक साथ काम करते हैं. उन्हें मथुरा और वृंदावन से बड़े स्तर पर मुकुट बनाने का ऑर्डर मिला है. कारीगर कम पड़ गए हैं और मुकुट बनाने का काम ज्यादा है. जिसके चलते वह दिन रात काम कर रहे हैं.

कारीगर नेहा अली खान ने बताया कि, वह घर पर ही मुकुट बनाने का काम करती हैं. मुकुट बनाने के लिए उन्हें खूब ऑर्डर भी मिल रहे हैं. मुकुट में सिर्फ जरदोजी का काम करती हैं. इनके पास आए मुकुट में जरी का काम पहले से ही होकर आता है. इसलिए सिर्फ 15 मिनट में जरदोजी का काम करके मुकुट तैयार कर लेती हैं.

ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर कर रहे मार्केटिंग

स्मार्ट सिटी के माइक्रो स्किल डेवलपमेंट प्रोग्राम संभाल रही आदर्श सेवा समिति के प्रोजेक्ट मैनेजर आलोक कुमार सक्सेना ने बताया कि, ताजनगरी में कई स्वयं सहायता समूह मुकुट बनाने का काम कर रहे हैं. यह बहुत मेहनत का काम है. माइक्रो स्किल डेवलपमेंट प्रोग्राम के तहत इन कारीगरों को ट्रेनिंग दिलाई गई है कि, किस तरह से वे अपना काम और सफाई से कम समय में कर सकते हैं. ट्रेनिंग से इनके काम में काफी बदलाव आया है. इनके बनाए गए मुकुट और अन्य उत्पाद अमेजॉन और फ्लिपकार्ट पर भी उपलब्ध हैं. ताजनगरी में करीब डेढ़ माह से जरदोजी कारीगर जन्माष्टमी के लिए ठाकुरजी का मुकुट बना रहे हैं. मथुरा, वृंदावन, गोवर्धन, बरसाना और गोकुल से यहां के जरदोजी कारीगरों को मुकुट बनाने की भारी तादाद में ऑर्डर मिले हैं.

इस बार कृष्ण जन्माष्टमी को लेकर उत्साह चरम पर है पिछली बार कोरोना के चलते कुछ पाबदियां थीं. जिसके कारण भक्तों में जन्माष्टमी का उत्साह कम दिखा, लेकिन इस बार अभी तक ऐसी कोई पाबंदी की घोषणा शासन-प्रशासन की तरफ से नहीं की गई है. इस बार कोरोना के मामलों में कमी के चलते भक्तों में ठाकुर जी का जन्मदिन मनाने का जबरदस्त उत्साह है.

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