Saturday, March 30, 2024
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आंदोलनकारी किसान नहीं, मवाली हैं : मीनाक्षी लेखी

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कृषि क़ानूनों के विरोध में प्रदर्शन कर रहे किसानों पर केंद्रीय मंत्री मिनाक्षी लेखी ने कहा कि वे किसान नहीं मवाली हैं. इसका संज्ञान भी लेना चाहिए, ये आपराधिक गतिविधियां हैं, जो कुछ 26 जनवरी को हुआ वो भी शर्मनाक था, आपराधिक गतिविधियां थी, उसमें विपक्ष द्वारा ऐसी चीजों को बढ़ावा दिया गया.

नई दिल्ली । कृषि क़ानूनों के विरोध में प्रदर्शन कर रहे किसानों पर केंद्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी ने कहा कि वे किसान नहीं मवाली हैं. इसका संज्ञान भी लेना चाहिए, ये आपराधिक गतिविधियां हैं, जो कुछ 26 जनवरी को हुआ वो भी शर्मनाक था, आपराधिक गतिविधियां थी, उसमें विपक्ष द्वारा ऐसी चीजों को बढ़ावा दिया गया

उन्होंने कहा कि आज टीएमसी के सदस्यों ने संसद में किया, वो बहुत शर्मनाक है. कांग्रेस और टीएमसी लगातार गलत नैरेटिव बना रही है. कुछ पीत पत्रकारिता करने वाले लोग भी उनका साथ दे रहे हैं. Amnesty ने भी इस लिस्ट से इनकार किया है और कहा है कि इससे उनका कोई लेना-देना नहीं है.

उन्होंने कहा कि स्पाइवेयर की लिस्ट में 10 देशों का नाम है, लेकिन अन्य देशों में विपक्ष ने हमारे विपक्ष की तरह प्रतिक्रिया नहीं दी है. यह एक ऐसी मनगढ़ंत कहानी है. जो साक्ष्य से रहित है, जब भी देश में कुछ सही और अच्छा होने वाला होता है, तो इस तरह का आचरण किया जाता है.

टिकैत का पटलवार
किसान नेता राकेश टिकैत ने केंद्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी के बयान पर पलटवार किया है. टिकैत ने कहा कि मवाली नहीं किसान हैं, किसान के बारे में ऐसी बात नहीं कहनी चाहिए. किसान देश का अन्नदाता है. कृषि क़ानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों द्वारा ‘किसान संसद’ लगाने पर टिकैत ने कहा कि शांतिपूर्ण तरीके से आंदोलन करने का ये भी एक तरीका है. जब तक संसद चलेगी हम यहां आते रहेंगे. सरकार चाहेगी तो बातचीत शुरू हो जाएगी

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