अधिवक्ता विवेक कुमार पाण्डेय ने कहा कि वह पीड़िता को इंसाफ दिला कर ही दम लेंगे। उन्होंने कहा कि गरीब मजलूमों, असहायों को न्याय दिलाना ही उनके जीवन का प्रमुख उद्देश्य है जिसके लिए वह हर संभव प्रयास जारी रखेंगे।
सोनभद्र। न्यायालय विशेष न्यायाधीश, एस0सी0/एस0टी0 एक्ट, सोनभद्र पीठासीन खलीकुज्ज्मा,दाण्डिक प्रकीर्ण वाद संख्या-131/21 कबूतरी देवी बनाम अशोक सिंग वगै0 थाना- पिपरी धारा-156(3) दण्ड प्रक्रिया सहिता जनपद सोनभद्र में आज न्ययालय द्वारा प्रकीर्ण वाद दर्ज किया जाय। प्रभारी चौकी, रेनुकूट, प्रकीर्ण वाद दर्ज करने हेतु पुलिस को आदेश जारी किया। न्यायालय ने कहा कि
मामले के तथ्य एंव परिस्थितियों के अवलोकन से यह तथ्य प्रकट होता है कि विपक्षीगण द्वारा अनुसूचित जाति एंव अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम,1989 के अन्तर्गत संज्ञेय अपराध का कारित किया जाना प्रकट होता है। अतः प्रार्थना पत्र स्वीकार किये जाने योग्य है।
उक्त महिला का प्रार्थना पत्र अंतर्गत धारा 156(3) दण्ड प्रक्रिया सहित थाना-पिपरी, जिला सोनभद्र स्वीकार किया जाता है। तदनुसार थानाध्यक्ष पिपरी, सोनभद्र को यह निर्देशित किया जाता है कि प्रयोज्य अधिनियम के अन्तर्गत उपयुक्त धाराओं में प्रथम सूचना रिपोर्ट पंजीकृत कर दो दिवस के अन्दर न्यायालय को अवगत करायें।
एक तरफ़ गोरखपुर में घटी एक बेहद हृदय विदारक घटना ने कानून के रखवालों पर उनके कर्तव्य पालन को लेकर कई सवाल खड़े कर दिए हैं तो वहीं गरीब मजलूमों की आवाज बनकर उनके इंसाफ के लिए सदैव लड़ने वाले कानून के रक्षक सोनभद्र के अधिवक्ता विवेक कुमार पाण्डेय ने एक गरीब पीड़िता की कानूनी लड़ाई में हर सम्भव मदद देते हुए उसे न्याय दिलाने तक उसकी कानूनी लड़ाई लड़ने का भरोसा दिलाया। कोर्ट में दिए परार्थनापत्र के अनुसार रेणुकूट मुर्धवा खाड़ पाथर निवासी एक महिला ने अपने साथ हुए अन्याय का हवाला देते हुए पुलिस चौकी रेणुकूट एवं थाना पिपरी में तहरीर देकर गुहार लगाई कि पिपरी निवासी एक द्वारा उसके साथ धोखे से शारीरिक सम्बन्ध बनाया गया और फिर उसके साथ लगातार धोखेबाजी, शोषण एवं अभद्रता करता रहा है।
दिए तहरीर में महिला ने उस व्यक्ति पर अपने किसी अन्य मित्र के साथ संबंध बनाने के लिए दबाव देने और गाली गालौज एवं जाति सूचक शब्द का प्रयोग करने जैसे कई गंभीर आरोप लगाते हुए, तहरीर को पुलिस अधीक्षक सोनभद्र को भी प्रेषित किया लेकिन उसकी कहीं कोई सुनवाई नहीं हुई। हार थक कर पीड़ित महिला अधिवक्ता विवेक कुमार पाण्डेय एंव अधिवक्ता बृज भूषण तिवारी की शरण में पहुची और आप बीती सुनाई। जिसके बाद अधिवक्ता विवेक कुमार पाण्डेय ने पीड़ित महिला को इंसाफ दिलाने की ठान लिया, तमाम जिरह, दलील और सबूत के रूप में पेश किए गए साक्ष्यों को देखते हुए आख़िरकार कोर्ट ने पिपरी थाना प्रभारी को आदेशित करते हुए कहा कि सुसंगत धाराओं में मुकदमा पंजीकृत कर दो दिनों के भीतर न्यायालय को सूचित करें। कोर्ट के इस न्यायपूर्ण निर्णय को अति महत्वपूर्ण बताते हुए विवेक कुमार पाण्डेय ने कहा कि वह पीड़िता को इंसाफ दिला कर ही दम लेंगे। उन्होंने कहा कि गरीब मजलूमों, असहायों को न्याय दिलाना ही उनके जीवन का प्रमुख उद्देश्य है जिसके लिए वह हर संभव प्रयास जारी रखेंगे।