Thursday, April 25, 2024
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संविदा स्वास्थ्य कर्मियों के मनमाने ढंग से किये गए ट्रांसफर के विरोध में संविदा कर्मचारी संघ ने विधायक को दिया ज्ञापन, लगाए गम्भीर आरोप

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स्वास्थ्य विभाग के संविदा कर्मचारियों के संघ ने सदर विधायक को ज्ञापन देकर कहा कि सिर्फ वसूली के लिए मुख्य चिकित्सा अधिकारी के हेली मेली के लोगों ने करवाया है नियम विपरीत संविदा कर्मचारियों का स्थानांतरण

सोनभद्र। आज राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन संविदा कर्मचारी संघ के तत्वावधान में सोनभद्र में कार्यरत स्वास्थ्य विभाग के सभी संविदा कर्मी विधायक भूपेश चौबे के आवास पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी के द्वारा संविदा कर्मियों के किये गए मनमाना ट्रांसफर का विरोध प्रकट करते हुए एक ज्ञापन दिया । ज्ञापन में कहा गया है कि रिपुंजय श्रीवास्तव एवं अरविंद श्रीवास्तव जो कि डी पी एम ऑफिस में कार्यरत हैं ,यही लोग सभी A N M बहनों का एवं मैनेजमेंट यूनिट का ट्रांसफर दूसरे ब्लॉक में कराने के मुख्य जिम्मेदार हैं जबकि संविदा कर्मी की गाइड लाइन में ट्रांसफर की कोई प्रक्रिया न शासन से है और ना ही स्थानीय स्तर पर। उसके बाद भी मुख्य चिकित्सा अधिकारी महोदय डीपीएम रिपुंजय श्रीवास्तव के प्रभाव में उन एएनएम का भी ट्रांसफर कर दिया जिन्होंने अपनी जान जोखिम में डाल डेढ़ साल से लगातार कोविड-19 में ड्यूटी की तथा डिलीवरी आदि भी करा रही हैं ।उसके बाद भी A N M बहने संविदा कर्मी का ट्रांसफर किया जा रहा है। डीपीएम के लोग इन संविदा कर्मचारियों के शोषण में लगे हैं और जगह-जगह सेंटर पर अरविंद श्रीवास्तव जाकर पैसा भी मांग रहे हैं और कह रहे हैं कि जहां तुम्हारा ट्रांसफर हुआ है वहां जाओ और नहीं तो पैसा दो । संविदा कर्मियों के संघ ने कहा कि हम लोग माननीय विधायक जी को मिल ज्ञापन देकर अपनी समस्या से अवगत करा दिया है और साथ ही मुख्यमंत्री के नाम पर हम संघ के द्वारा पत्र भी लिखा गया है।

ज्ञापन देने गए संविदा कर्मचारियों ने बताया कि इसके पूर्व 92 लाख रुपए का डीपीएम ऑफिस में इन्ही के कार्यकाल में घोटाला हुआ जिसकी वजह से हम लोगों का 3 माह तक का संविदा कर्मियों का वेतन रुका रहा ।उसकी जांच आज तक अधूरी है जिसमें अधिकारी व D P M U आफिस के लोग स्वयं इंवॉल्व हैं ।चोरी कोई और करें और भरे कोई और यह कहावत चरितार्थ कर रहे हैं मुख्य चिकित्सा अधिकारी ।

हम संविदा कर्मी दो-तीन बार मुख्य सा अधिकारी कार्यालय पर गए लेकिन वहां पर C M O सर् नहीं मिले ।वह अपने घर से ही ऑफिस चला रहे हैं जबकि उनको ऑफिस पर जन समस्याओं का निवारण करने के लिए भी बैठना चाहिए। साथ ही हर महीने में जीआरसी की मीटिंग होती है जो कि शासन के द्वारा लिखित मिला हुआ है लेकिन C M O के द्वारा यह मीटिंग जानबूझकर नहीं की जा रही है। पिछले 8 महीने से कर्मचारियों का समस्याओं का निवारण नही हो पा रहा है।

हमारे C H O विभिन्न वैलनेस सेंटर पर सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी के रूप में कार्य कर रहे हैं जिनको ₹15000 की पीबीआई हर माह में मिलती है। उसमें भी यह लोग हिस्सेदारी मागते हैं और 7 महीने तक पेमेंट नहीं करते हैं जब तक कि इनको कमीशन नहीं मिल जाता है। संविदा कर्मचारियों के लायल्टी बोनस तक मे कमीशन के बिना भुगतान नहीं होता।यदि कोई कर्मी विरोध करता है तो उन कर्मियों को ट्रांसफर करने की धमकी दी जाती है। इसलिए हम लोग सभी जनप्रतिनिधियों से अनुरोध व निवेदन करते हैं पिछले एक डेढ़ वर्ष से हम सभी चिकित्सा अधिकारी ,स्टाफ नर्स ,एनम, काउंसलर ,लैब टेक्नीशियन, फार्मासिस्ट ,सी एच ओ लोग कोविड-19 बिना छुट्टी लिए हम लोग कार्य कर रहे हैं। लेकिन उसका प्रतिफल में मुख्य चिकित्सा अधिकारी के द्वारा हम लोगों को मानसिक शारीरिक और आर्थिक रूप से शोषण के रूप में दिया जा रहा है ।ज्ञापन देने वालों में डॉक्टर अरुण चौबे ,डॉ अरविंद, डॉक्टर नीरज मिश्रा, डॉक्टर अभिषेक पांडे ,डॉ अंजनी दुबे, पुष्पेंद्र शुक्ला, अवनीश, राहुल पांडे ,सीमा भारती, सरिता ,संगीता ,सुनीता,नेहा पटेल आदि मौजूद रहे।

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