ईमानदार और निड़र पत्रकारिता के हाथ मजबूत करने के लिए विंध्यलीडर के यूट्यूब चैनल को सब्सक्राइब और मोबाइल एप को डाउनलोड करें
सोनभद्र/लखनऊ ।विज्ञप्ति । वर्तमान सत्ता धारी सरकार के पास ना तो निती है और ना ही नियत है । आउटसोर्स/संविदा का शोषण जैसा पुर्व सरकारों में चलता आ रहा था उससे कहीं अधिक वर्तमान सरकार आउटसोर्स/संविदा कर्मियों का शोषण कर रही है । भाजपा सरकार में आउटसोर्स /संविदा कर्मियों के साथ श्रमकानून का उल्लघंन कर कार्य लिया जा रहा है ।
आउटसोर्स के माध्यम से बिचौलियों को लाभ का एक बड़ा हिस्सा दिया जा रहा है । आउटसोर्स के माध्यम से कार्य कर रहे लोगों का शोषण हो रहा है।
समस्त सरकारी विभागों में नियमित रिक्त पद खाली पड़े हैं इन नियमित रिक्त पदों पर वर्षों से आउटसोर्स/संविदा के माध्यम से कार्य कर रहे कर्मी को सरकार समायोजित कर रिक्त पदों की पूर्ति करें।
जब तक यह प्रकिया पूर्ण नहीं हो जाती है सभी आउटसोर्स /संविदा कर्मियों को नियमित कर्मचारियों की तरह वेतन देने का कार्य करें ।
आउटसोर्स/संविदा के शोषण को लेकर मुख्य न्यायाधीशों ने भी कई बार सरकार को सचेत किया है कि यह प्रक्रिया युवाओं के साथ धोखा है । कर्मचारियों के भविष्य की चिंता सरकारों को रखनी चाहिए ।
वर्तमान केन्द्र सरकार के रक्षामंत्री श्री राजनाथ सिंह के द्वारा भी वर्ष 2016 में आउटसोर्स/संविदा अधिकार दिलाओ रैली का आयोजन किया गया था और पुर्व सपा सरकार पर आरोप लगाया था कि सरकार आउटसोर्स और संविदा के उनके अधिकार देने का काम करें।
साथ ही समस्त आउटसोर्स/संविदा से वादा भी किया था कि भाजपा सरकार बनते ही आउटसोर्स और संविदा के अधिकार सभी कर्मचारी को मिलेंगे। झूठे वादे कर सरकार बनाना संविदा को उसको अधिकार ना देना यह सब न्यायोचित नहीं है।
उत्तर प्रदेश के लगभग समस्त विभागों में आउटसोर्स/संविदा कर्मियों से नियमित कर्मीयों की भांति काम लिया जा रहा है फिर सरकार इनके अधिकार क्यों नहीं देना चाहती है । भाजपा सरकार अन्तोदय अंतिम व्यक्ति की कहीं जाने वाली सरकार है इन्हीं के राज्य में एक बड़ा आउटसोर्स/संविदा का तबका शोषण का शिकार हो रहा है।
राज्य सरकार के द्वारा समस्त विभागों के नियमित कर्मचारियों के मंहगाई भत्ते में बढ़ोतरी की गई है वहीं उन्हीं विभागों में कार्यरत आउटसोर्स/संविदा कर्मी महंगाई के आगे मौत के मुंह में खड़े हैं ।
यह दोहरा मापदंड ठीक नहीं है । प्रदेश में 18 लाख आउटसोर्स/संविदा कर्मी और उनके परिवार इसे दोहरे मापदंड का शिकार हो रहे हैं। इस दोहरे मापदंड से नाराज़ हो 7 सितम्बर 2021 को याद दिलाओ/अधिकार दिलाओ रैली ईको गार्डन आलमबाग लखनऊ में आयोजित है।