उदासीनता—-प्रसव केंद्र की वायरिंग खराब होने के कारण पिछले एक महीने मे टार्च के सहारे कई प्रसव कराने पर मजबूर शहर के प्रसव केंद्र के स्टाफ, मुख्य चिकित्सा अधिकारी को मरम्मत के लिए लिखते रहे पत्र पर नहीं हुई कोई कार्यवाही
सोनभद्र। पूर्वांचल नव निर्माण मंच के पदाधिकारी गिरीश पांडेय ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर सोनभद्र की स्वास्थ्य विभाग की जनहित के प्रति उदासीनता व विभाग में पनपते भ्र्ष्टाचार के खिलाफ कार्यवाही करने का अनुरोध किया है।मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में उन्होंने बताया है कि अवगत कराना है कि जिला चिकित्सालय सोनभद्र तथा आसपास के सरकारी अस्पतालों पर आने वाले मरीजों का दोहन लगातार यहां तैनात जिम्मेदार नौकरशाह कर रहे हैं। सरकार द्वारा लोगों के लिए भेजी जा रही तमाम योजनाओं के पैसों की बंदरबांट कर यहां तैनात गैरजिम्मेदारान अधिकारी आम आदमी को मिलने वाली सरकारी मदद का अपहरण कर रहे हैं।
यहाँ बरती जा रही अनियमितताओं के क्रम मे बताना है कि सोनभद्र जिला चिकित्सालय मे बने पीपीसी (प्राथमिक प्रसव सेंटर ) में बिजली आपूर्ति बंद है । जिसके समाधान के लिए वार्ड में तैनात कर्मियों द्वारा मुख्य चिकित्सा अधिकारी सहित नोडल अधिकारी को भी पत्राचार किए जाने के बावजूद अबतक बिजली आपूर्ति बाधित ही है । जिसके कारण तीन महीने में अब तक 111 प्रसव टार्च की रौशनी मे किए जाने का मामला प्रकाश मे आया है। बिजली बाधित होने के कारण वहां पानी का घना संकट भी पैदा हो गया है मरीज तथा परिजनों को पीने के साथ साथ साफ-सफाई के लिए भी पानी खरीदने को विवश होना पड़ रहा है। इससे भी दयनीय स्थित आदिवासी क्षेत्रों में मुख्यालय से दूर बने सीएचसी अस्पतालों की है।
चोपन विकास खंड के बेलगड़ी गांव के पतिराज अपनी पत्नी पानमति का प्रसव कराने के लिए चोपन सीएचसी अस्पताल पर लेकर दिनांक 1 अक्टूबर को गये जहां उनको इंतजाम का अभाव बताकर जिला चिकित्सालय रेफर कर दिया गया। जिला अस्पताल पहुंचने पर यहां भी खून की अनुपलब्धता बताकर वाराणसी रेफर कर दिया गया । आर्थिक रूप से बेहद कमजोर पतिराज मजबूरन भगवान भरोसे होकर घर जाने लगे । रास्ते में ओबरा स्थित गांधी मैदान के पास पानमति को प्रसव पीड़ा होने पर सड़क के किनारे ही आसपास की महिलाओं ने कपड़े का घेरा बनाकर प्रसव कराया, यह दुखद दृश्य उत्तर प्रदेश सरकार के साथ-साथ भारत सरकार के सारे विकास के दावों को झूठा साबित करने वाला दृश्य है।
जिला अस्पताल के आसपास खुले जन औषधीय केन्द्रों पर मंहगी दवाओं की बिक्री की खबर अखबारों में आये दिन छपती रहती है। साथ ही यहां तैनात डाक्टर्स यहां नो प्रैक्टिस का अनुदान लेकर भी यहां धड़ल्ले से निजी अस्पताल में बैठकर जिला अस्पताल मेंं आने वाले मरीजों को दलालों के माध्यम से अपने निजी अस्पताल मेंं इलाज करके गरीब आदिवासियों का आर्थिक शोषण कर रहे है । आपको बता दें कि सोनभद्र में कयी वर्षों से तैनात कर्मी मुख्य चिकित्सा अधिकारी की सांठगांठ से योजनाबद्ध तरीके से एक तरफ बंदरबांट कर रहे हैं दूसरी तरफ सरकार की छवि को भी बेमुरउवत खराब करने की कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। गंभीरता से संज्ञान लेकर जांच कर कार्यवाही करने की कृपा करें।
जनहित में बेहतर स्वास्थ्य व्यवस्था के निमित्त अविलंब प्राथमिक प्रसव सेंटर की बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करते हुए कयी कयी वर्षों से जनपद में तैनात कर्मियों को दूर दूसरे जनपद मे स्थानांतरित करने का कष्ट करें। इसके अलाव किए गए भ्रष्टाचार को उजागर करने के लिए पिछले साढ़े चार साल में सोनभद्र स्वास्थ्य विभाग में कराये गये कामों की उच्चस्तरीय जांच कराने की कृपा करें । आपको बता दें कि मुख्य चिकित्सा अधिकारी द्वारा पूरे दो साल छुट्टी पर होने के बावजूद पचास लाख से अधिक का वेतन भुगतान लेने की बात मिडिया के माध्यम से उजागर हुई थी, इसके अलावा 17 वर्ष से जनपद मेंं तैनात मलेरिया निरीक्षक पीके सिंह के काले कारनामे भी सुर्खियों रहते हैं। इनका स्थानांतरण कर इनके कार्यकाल मे डीडीटी, परिवार नियोजन जागरुकता किट आदि संबंधित धन खर्च की जांच कराने की कृपा करें । अथवा जनहित मे पूर्वांचल नव निर्माण मंच के लोग जिलाधिकारी कार्यालय तथा जिला चिकित्सालय पर बड़ा विरोध करेंगे जिसकी सम्पूर्ण जिम्मेदारी सरकार की होगी।