Tuesday, April 16, 2024
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नगवां बवाल मामले में सपा अध्यक्ष समेत 20 पर नामजद व 150 अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज

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सोनभद्र।कल नगवां में ब्लाक प्रमुख के लिए हुए मतदान के बाद भाजपा प्रत्याशी आलोक सिंह के विजयी घोषित होने पर धांधली का आरोप लगा विपक्षी पार्टी सपा के कार्यकर्ताओं द्वारा किए गए बवाल के कारण पुलिस के जवान घायल हो गए थे।बवाल रोकने में पुलिस को काफी मशक्कत करनी पड़ी।पुलिस को भीड़ तितर बितर करने के लिए जहाँ आंसू गैस सहित लाठियां भाजनी पड़ी वहीं सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक फायर तक झोकना पड़ा।

बवाल के मद्देनजर नगवां में जहां भारी पुलिस बल तैनात कर परिसर को छावनीं में तब्दील कर दिया गया है जिससे कि आगे यदि कोई बवाल भी हो तो आसानी से निपटा जा सके वहीं पुलिस ने एक बड़ी कार्यवाही करते हुए बवाल मचाने वाले लोगों के खिलाफ एफ आई आर दर्ज किया है जिसमे सपा के जिलाध्यक्ष समेत 20 को नामजद तथा 150 अज्ञात शामिल कर उपद्रवियों की तलाश में ताबड़तोड़ छापेमारी की जा रही है।

सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक अबतक अधिकतर नामजद आरोपी पुलिस की पकड़ में आ चुके हैं और जो बचे हैं उनके धर पकड़ हेतु पुलिस तेजी के साथ लगी है।एफआईआर दर्ज होने के बाद सपा जिलाध्यक्ष विजय यादव का कहना है कि समाजवादी पार्टी घटना की निंदा करती है लेकिन जो मुकदमा दर्ज किया गया है वह राजनीतिक द्वेष में किया गया है। सपा जिलाध्यक्ष का आरोप है कि सत्ता पार्टी के लोग मिलकर घटना को अंजाम दिये और अब सपा को बदनाम करने की कोशिश की जा रही है तथा पार्टी के कार्यकर्ताओं को बेवजह पुलिस द्वारा परेशान किया जा रहा है।

वहीं पूर्व सपा विधायक अविनाश कुशवाहा का कहना हैं कि सपा कार्यकर्ताओं को डराने व उनकी इच्छा शक्ति को कुचलने के लिए यह बवाल व लाठीचार्ज कराया गया । इस घटना में पुलिस व जिला प्रशासन ने पक्षपात करते हुए एकतरफा कार्यवाही की है । पूर्व विधायक ने उन्नाव व लखीमपुर खीरी की घटना का उदाहरण भी दिया ।

यहाँ एक बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि यदि समय रहते पुलिस व प्रशासन के लोग सजग रहते तो सम्भव है यह इतना बड़ा बवाल होता ही न क्योंकि यह तो पहले से ही समाचार मिल रहा था कि नगवां इस जनपद की सबसे हॉट सीट है तो क्या पुलिस व प्रशासन के लोगो का इस तरफ ध्यान नहीं था कि यहाँ पर मतदान केंद्र के आसपास भीड़ इकट्ठी न हो पाए।यदि प्रशासन के लोग चौकन्ने रहते तो इस तरह की घटना को समय रहते रोका जा सकता था।अब चाहे जो हो पर इतना तो तय है कि जो लोग घटना के लिए जिम्मेदार हैं उन्हें सजा मिलनी चाहिए, पर इस बात का भी ख्याल रखा जाना चाहिए कि निर्दोष तमाशबीन भी न इन उपद्रवियों के साथ पिस जाएं।

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