सोनभद्र । जिले में टमाटर की आड़ में इमारती लकड़ियों की तस्करी का मामला प्रकाश में आया है।जानकारी के मुताबिक बीती रात भोर में म्योरपुर थाना क्षेत्र के खैराही के पास टमाटर लेकर जा रही पिकअप पलटने के बाद यह खेल सामने आया तो हर कोई भौंचक रह गया। पकड़ में न आ जांय इसके लिए तस्कर ट्रैक्टर के जरिए पिकअप को सीधा कर, टमाटर ले फरार हो गए और लकड़ी के बोटों को वहीं पड़े रहने दिया। सूचना मिलने पर पहुंची वन कर्मियों की टीम ने इमारती लकड़ियों के बोटे को कब्जे में ले लिया और यह लकड़ी कहां से आई?इसकी छानबीन शुरू कर दी है। बरामद लकड़ी की कीमत लाखों में बताई जा रही है।
ग्रामीणों के मुताबिक छत्तीसगढ़ की तरफ से टमाटर लादकर आ रहा एक पिकअप शनिवार की भोर में चार बजे के करीब खैराही गांव के पास (मुर्धवा-म्योरपुर के बीच) अचानक अनियंत्रित होकर सड़क किनारे गड्ढेनुमा जगह पर पलट गया। रास्ते से गुजर रहे लोगों ने जब मदद की नियत से रूक कर देखा तो टमाटर के नीचे साखू के बड़े-बड़े छह बोटे रखे हुए देख लोगों ने पिकअप सवार लोगों से जब इसके बारे में जानकारी चाही तो वह लोग टालमटोल करते हुए पास की बस्ती से ट्रैक्टर ले आए और टोचन कर पिकअप को सीधा कर सड़क पर ले आए और टमाटर लादकर फरार हो गए।
ग्रामीणों ने जब उन्हें लकड़ी छोड़कर भागता देखा तो तत्काल मामले की जानकारी वन विभाग के लोगों को दी। वन दरोगा विजेंद्र सिंह की अगुवाई में पहुंची टीम ने मौके का जायजा लेकर लोगों से पूछताछ कर जानकारी जुटाने के बाद अधिकारियों को प्रकरण से अवगत कराते हुए लकड़ियों को लाकर म्योरपुर रेंज कार्यालय परिसर में रख दिया । वन दरोगा विजेंद्र सिंह ने बताया कि इस समय टमाटर लदी पिकअप छत्तीसगढ़ से आ रही हैं। हो सकता है, लकड़ियां छत्तीसगढ़ से ही लाई जा रही हों। फिलहाल लकड़ियां कहां से लाई गईं और इसे लाने वाले कौन थे? इसका पता लगाया जा रहा है।
आपको बतातें चलें कि छत्तीसगढ़ सीमा क्षेत्र से सटे म्योरपुर व बभनी क्षेत्र के जंगल तथा जनपद से सटे छत्तीसगढ़ के सीमावर्ती इलाके वर्षों से लकड़ी तस्करों का गढ़ बने हुए हैं। गौर करने लायक बात यह है कि तस्करी और ओवरलोडिंग रोकने के लिए म्योरपुर और बभनी दोनों थाना क्षेत्रों में बैरियर लगाए गए हैं इस पर प्रशासनिक और पुलिस कर्मियों की ड्यूटी भी लगी हुई है, बावजूद तस्करी यह बताती है कि अंदर खाने सब कुछ ठीक नहीं है अपितु इस तरह से की जा रही तस्करी यह साबित कर रही है कि अंदरखाने में बहुत कुछ गड़बड़ है।