सोनभद्र । जिले में सुबह से हो रही बारिश से भले ही मौसम ठंडा हो मगर अचानक भाजपा के पूर्व सांसद छोटे लाल खरवार के घर सपा प्रदेश अध्यक्ष का पहुंचना और चाय पर चर्चा ने जिले की राजनीति गर्म कर दी है । रविवार को घोरावल विधानसभा क्षेत्र का दौरा करने के बाद आज सुबह आदिवासी सम्मेलन में जाने के पहले सपा प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम की गाड़ी जैसे ही पूर्व भाजपा सांसद छोटे लाल खरवार के घर रुकी तो आसपास के लोग भी अचम्भित रह गए। चुनावी पंडितों की मानें तो चुनावी वर्ष में इस तरह का दौरा और दृश्य अक्सर देखने को मिलता रहता है और इस प्रकार की चाय पर मुलाकातों के बाद कई बार चुनाव परिणाम भी बदलते देखा गया है ।
अब यह तो समय ही बताएग की पूर्व सांसद छोटेलाल खरवार से सपा प्रदेश अध्यक्ष का गर्मजोशी के साथ मिलना जिले की राजनीति में आने वाले समय मे क्या गुल खिलायेगा।लेकिन इतना तो निश्चित रूप से कहा जा सकता है कि सोनभद्र के जनजातीय वोटरों में पूर्व भाजपा सांसद की पकड़ मजबूत है और पिछले कुछ समय से भाजपा की शीर्ष नेतृत्व द्वारा उक्त आदिवासी समुदाय के नेता की जिस तरह से उपेक्षा की जा रही है उसी का फायदा उठाने की कोशिश वर्तमान में सपा नेतृत्व द्वारा किया जा रहा है और इस मुलाकात के निश्चित ही कुछ खास परिणाम आने वाले समय में देखने को मिल सकता है। आपको बताते चलें कि सपा के प्रदेश अध्यक्ष का पूर्व भाजपा सांसद ने गर्मजोशी के साथ स्वागत किया और खड़े होकर तस्वीरें भी खिंचवाई । तस्वीरों से तो साफ है कि यह नजदीकी आने वाले दिनों में कुछ नई कहानी गढ़ेगी ।
आपको याद दिला दें कि जिला पंचायत चुनाव के समय से ही इस बात की चर्चा तेजी से हो रही थी कि पूर्व सांसद छोटेलाल खरवार सपा में जा सकते हैं। लेकिन फिलहाल अभी तक तो ऐसा कुछ देखने को नहीं मिला परन्तु आज अचानक सपा के प्रदेश अध्यक्ष की उनके घर चाय पर जाने से लोगों के बीच एक बार फिर से यह चर्चा जोर पकड़ने लगी है कि सांसद चकिया से सपा के बैनर पर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं और बात चीत अंतिम दौर में है । आज अचानक सपा प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम का भाजपा सांसद छोटेलाल खरवार के यहाँ पहुंचना निश्चित तौर पर पूर्व से चली आ रही इस चर्चा को पुष्ट करती है कि अंदर खाने में कुछ तो खिचड़ी जरूर पक रही है । तो क्या अब यह मान लिया जाय कि भाजपा के टिकट पर सांसद बनने वाले छोटेलाल खरवार का भाजपा से मन भर गया है या अब बढ़ती महंगाई व डीजल – पेट्रोल के दामों में बेहताशा बृद्धि के कारण साइकिल चलाने पर मजबूर हैं ।बहरहाल राजनीति अनिश्चितताओं का खेल है , यहां कब किसकी किसके साथ बैठेगी और कब किससे साथ छूट जाएगा यह कहना मुश्किल है ।हाँ देखना यह है कि चाय के बहाने हुई इस राजनीतिक मुलाकात के क्या परिणाम आते हैं ।